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Up Kiran, Digital Desk: पिछले कुछ दिनों में बैंकों और बैंक मैनेजरों द्वारा आम लोगों के साथ की जाने वाली धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी ही एक घटना में राजस्थान में आईसीआईसीआई बैंक की महिला रिलेशनशिप मैनेजर ने ग्राहक के खाते से 4 करोड़ 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। पैसे निकालने से पहले बैंक मैनेजर ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदल देती थी। हालांकि, शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू की गई और पता चला कि मैनेजर ने ही पूरा घोटाला किया है। इसके बाद महिला बैंक मैनेजर को अरेस्ट कर लिया गया है।
राजस्थान के कोटा में आईसीआईसीआई बैंक की महिला रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने ग्राहक के खाते से 4 करोड़ 58 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। साक्षी गुप्ता इस पैसे को शेयर बाजार में लगा रही थी। इस ट्रांजेक्शन का पता न चले इसके लिए वह पैसे निकालने से पहले ग्राहकों के मोबाइल नंबर भी बदल रही थी। आरोपी साक्षी ने अपने परिवार के लाखों रुपये भी शेयर बाजार में लगाए थे। मामला सामने आने के बाद आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद साक्षी गुप्ता को अरेस्ट कर लिया गया।
पुलिस जांच में पता चला है कि साक्षी गुप्ता ने ढाई साल में 41 ग्राहकों के 110 से ज्यादा खातों से पैसे निकाले हैं। पुलिस के मुताबिक साक्षी गुप्ता ने 2020 से 2023 के बीच बैंक खातों से पैसे निकाले हैं। उस दौरान बैंक के एक ग्राहक ने 1.50 लाख रुपये की एफडी के बारे में जानकारी मांगी थी। साथ ही 15 फरवरी 2023 को बैंक की एक वरिष्ठ महिला ग्राहक के खाते से 3 करोड़ 22 लाख रुपये निकाल लिए गए। वह भी शिकायत करने बैंक आई थी। इसके बाद बैंक ने जांच शुरू की। जांच के दौरान अधिकारियों को साक्षी गुप्ता पर शक हुआ।
जांच में पता चला कि साक्षी गुप्ता ने ग्राहक के निर्देश के बिना यह रकम दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दी थी। उसने उस खाते को 'पूल अकाउंट' के तौर पर इस्तेमाल किया था। 31 ग्राहकों की एफडी समय से पहले बंद करते हुए साक्षी ने 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार 254 रुपये अपने खातों में ट्रांसफर कर लिए। उसने 3 लाख 40 हजार रुपये का पर्सनल लोन भी फर्जी तरीके से स्वीकृत करा लिया। साक्षी ने कुछ ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदलकर उनकी जगह अपने परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर डाल दिए। इसलिए पैसे ट्रांसफर करते समय असली ग्राहकों तक ओटीपी और अलर्ट मैसेज नहीं पहुंचे।
अधिकांश ट्रांजेक्शन इंस्टा कियोस्क और डिजिटल बैंकिंग चैनल के जरिए किए गए। साक्षी ने चार ग्राहकों के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए ट्रांजेक्शन करने में किया। उसने अपने डीमैट खातों में भी अवैध पैसे भेजे। इसके साथ ही साक्षी गुप्ता ने अपने पिता के 50 लाख रुपये शेयर बाजार में लगाए थे। उसने परिवार के कई अन्य सदस्यों के खातों से पैसे निकालकर 50 लाख रुपये शेयर बाजार में लगाए थे। लेकिन परिवार को इसकी जानकारी नहीं थी। साक्षी कंप्यूटर से मोबाइल नंबर का ओटीपी बदल रही थी, जिससे परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन पर मैसेज नहीं पहुंचे।
शिकायत के बाद साक्षी गुप्ता को 31 मई को अरेस्ट किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि मैंने बैंक ग्राहकों से मोबाइल नंबर बदलने के लिए एक फॉर्म भरवाया और उसमें अपने परिवार का नंबर डाल दिया, ताकि खाताधारक के पास पैसे निकलने का मैसेज न पहुंचे। मैंने खाताधारक के खाते से पैसे निकालकर अपने और उसके परिवार के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर कर लिए। वहीं, इस पूरे फर्जीवाड़े में उसके साथ और कौन-कौन शामिल था? इसकी जांच जारी है।
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