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Up Kiran, Digital Desk: देश की जनसंख्या तेज़ी से घट रही है। दूसरी ओर, युद्ध चल रहा है। हज़ारों-लाखों सैनिक वहाँ काम करने आ रहे हैं। इतने सारे नागरिक और सैनिक देश छोड़कर भाग भी गए हैं। अगर उन्हें देश चलाना है और अपना अस्तित्व बनाए रखना है, तो उन्हें क्या करना चाहिए?.. रूस के सामने इस समय यह एक बड़ा सवाल है। तो उन्हें क्या करना चाहिए?

बेशक, उन्होंने अपने देश की महिलाओं को ज़्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बड़े-बड़े लालच दिखाए जा रहे हैं, सुविधाएँ दी जा रही हैं.. लेकिन अगर ये महिलाएँ परिपक्व और शादी के लायक हैं, तो ठीक है, लेकिन अपने देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए, रूस ने अब नाबालिगों और स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को बच्चे पैदा करने पर 'इनाम' देना शुरू कर दिया है।

जो लड़कियाँ अपने बच्चों को जन्म देंगी और उनका पालन-पोषण करेंगी, उन्हें एक लाख रूबल (करीब एक लाख दस हज़ार रुपये) की भारी-भरकम राशि दी जाएगी। लेकिन अगर यह सब 'क़ानूनी' और 'नैतिक' है, तो ठीक है, लेकिन वह भी सच नहीं है! ये लड़कियाँ और युवतियाँ बिना शादी के भी काम कर सकेंगी, अगर वे सिर्फ़ बच्चे पैदा करती हैं, तो भी उन्हें कई आर्थिक और सामाजिक लाभ दिए जाएँगे। यह योजना मार्च 2025 से रूस के दस क्षेत्रों में शुरू की गई है।

शुरुआत में यह योजना केवल अठारह वर्ष की आयु पूरी कर चुकी महिलाओं के लिए थी, लेकिन बाद में सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए नाबालिग लड़कियों को भी इसमें शामिल कर लिया। बेशक, इस नई योजना को लेकर बहस चल रही है। रूस में हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में 43 प्रतिशत लोगों ने इस योजना का समर्थन किया, जबकि 40 प्रतिशत ने इसका विरोध किया, लेकिन सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है। उनका एकमात्र लक्ष्य और प्राथमिकता किसी भी तरह से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ाना है।
 

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