
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस द्वारा बार-बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। इस याचिका ने राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा के बीच चल रहे तनाव को उजागर किया है।
भाजपा अध्यक्ष ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस उन्हें राजनीतिक कारणों से लगातार परेशान कर रही है। इसमें झूठे मामले दर्ज करना, बिना वजह हिरासत में लेना, और उनकी राजनीतिक गतिविधियों में बाधा डालना शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह उत्पीड़न एक राजनीतिक प्रतिशोध (political vendetta) का हिस्सा है जिसका उद्देश्य उन्हें और उनकी पार्टी को चुप कराना है।
इस गंभीर आरोप के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर ली है और अब इस पर सुनवाई करेगा। यह मामला राज्य में राजनीतिक स्वतंत्रता और पुलिस के कथित दुरुपयोग के बारे में गंभीर सवाल उठाता है। भाजपा का लंबे समय से आरोप रहा है कि पश्चिम बंगाल में उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक दबाव के तहत पुलिस द्वारा निशाना बनाया जाता है।
यह याचिका ऐसे समय में आई है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल काफी गरम है, खासकर आगामी चुनावों और विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर। उच्च न्यायालय का फैसला इस मामले में महत्वपूर्ण होगा और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका असर पड़ सकता है।
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