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Up kiran,Digital Desk : सावधान! मुजफ्फरपुर की हवा में ज़हर घुल गया है। शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 500 के भी पार चला गया है, जो प्रदूषण की 'अति गंभीर' श्रेणी से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस वक्त शहर की हवा में सांस लेना, सीधे तौर पर बीमारियों को दावत देना है।

यह शहर में अब तक का दर्ज किया गया सबसे खराब प्रदूषण स्तर है, जिसने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और प्रशासन से लेकर आम लोगों तक की चिंता बढ़ा दी है।

आपका इलाका कितना खतरनाक है? देखिए ये आंकड़े

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े डराने वाले हैं। शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले और रिहायशी इलाकों का हाल सबसे बुरा है:

  • बुद्धा कॉलोनी: 549 AQI
  • समाहरणालय: 540 AQI
  • अतरदाह: 539 AQI
  • MIT क्षेत्र: 529 AQI

ये वो इलाके हैं, जहां हज़ारों लोग रहते हैं, बच्चे स्कूल जाते हैं और बाज़ार लगते हैं। इन जगहों पर हवा इतनी खराब हो चुकी है कि स्वस्थ इंसान भी बीमार पड़ जाए।

क्यों बनी यह जानलेवा स्थिति?

  • शहर में बेतरतीब ढंग से चल रहे निर्माण कार्य।
  • सड़कों पर गाड़ियों की बढ़ती संख्या।
  • हवा में उড়તી धूल-मिट्टी।
  • दिन और रात के तापमान में आ रहा बड़ा अंतर।

इन सब कारणों से हवा में कार्बन, धूल और दूसरे ज़हरीले कणों की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है।

प्रशासन जागा, पानी का छिड़काव शुरू

हवा की लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए जिला प्रशासन और नगर निगम भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। जिन इलाकों में प्रदूषण सबसे ज्यादा है, वहां धूल को बैठाने के लिए पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। प्रशासन का दावा है कि प्रदूषण को कम करने के लिए और भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉक्टरों की सलाह: खुद को ऐसे बचाएं

इस जहरीली हवा का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है, और सांस के मरीजों की तकलीफें बढ़ गई हैं। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे बेहद ज़रूरी सावधानियां बरतें। जब तक हवा साफ नहीं हो जाती, तब तक सुबह की सैर से बचें, और अगर बाहर निकलना ज़रूरी हो तो अच्छी क्वालिटी का मास्क ज़रूर पहनें।