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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी हमेशा से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। उनके बचपन के संघर्ष और देश सेवा की भावना को दिखाती एक शॉर्ट फिल्म "चलो जीते हैं" ने खूब तारीफें बटोरी थीं। अब, इसी प्रेरणा को बिहार के जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक बहुत बड़ी मुहिम शुरू की जा रही है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने घोषणा की है कि इस फिल्म की 50,000 स्क्रीनिंग पूरे बिहार में आयोजित की जाएंगी। इसका मकसद है कि फिल्म में दिखाए गए सेवा, त्याग और राष्ट्रहित के संदेश को हर किसी तक, खासकर युवाओं तक पहुंचाया जा सके।

क्या है इस फिल्म में: चलो जीते हैं" एक 32 मिनट की शॉर्ट फिल्म है जो प्रधानमंत्री मोदी के बचपन की एक घटना से प्रेरित है। यह फिल्म एक बच्चे 'नारू' की कहानी दिखाती है, जो स्वामी विवेकानंद की कही एक बात 'दूसरों के लिए जीना ही जीना है' से इतना प्रभावित होता है कि वह इसे अपने जीवन का मकसद बना लेता है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे छोटी उम्र में ही उनके मन में दूसरों की मदद करने और देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ।

कौन कर रहा है आयोजन: इस विशाल स्क्रीनिंग अभियान का आयोजन 'नई सोच नई पहल' नाम का एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन कर रहा है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह फिल्म न केवल प्रधानमंत्री मोदी के निस्वार्थ जीवन की एक झलक देती है, बल्कि यह हर भारतीय को देश के लिए जीने की प्रेरणा भी देती है।

उनका मानना है कि इस फिल्म को देखने के बाद बिहार के युवा और अन्य नागरिक प्रेरित होंगे और समाज की बेहतरी के लिए काम करने के लिए आगे आएंगे। यह सिर्फ एक फिल्म का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश है।