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Up kiran,Digital Desk : दोस्तों, अगर आप भी मोबाइल पर गेम खेलकर पैसे कमाने का शौक रखते हैं या 'विंजो' जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर चल रहे खेल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। मशहूर गेमिंग ऐप WinZO के संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है।

बंगलूरू में लंबी पूछताछ के बाद दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग (पैसे की हेराफेरी) के आरोप में हिरासत में लिया गया। आइये, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर मामला क्या है और ईडी ने उन पर क्या आरोप लगाए हैं।

खिलाड़ियों को इंसान नहीं, 'सॉफ्टवेयर' से हरा रहे थे?

ईडी ने अपनी जांच में एक ऐसा खुलासा किया है जो किसी भी गेमर का दिल तोड़ सकता है। एजेंसी का आरोप है कि विंजो अपने ग्राहकों को गुमराह कर रहा था। आप सोचते थे कि आप किसी दूसरे 'असली इंसान' के साथ गेम खेल रहे हैं, लेकिन हकीकत में आपको कंपनी के एल्गोरिदम (सॉफ्टवेयर/बॉट) के साथ खिलाया जा रहा था।
इसका मतलब है कि हारना या जीतना आपकी स्किल पर नहीं, बल्कि उनके सॉफ्टवेयर पर निर्भर था। ईडी का कहना है कि ऐसा करके उन्होंने खिलाड़ियों की गाढ़ी कमाई अवैध रूप से अपने नाम कर ली।

43 करोड़ रुपये का हिसाब गड़बड़!

सबसे बड़ा आरोप पैसे को लेकर है। ईडी के मुताबिक, कंपनी ने खिलाड़ियों के जीते हुए या वॉलेट में पड़े करीब 43 करोड़ रुपये रोक कर रखे थे। नियम के मुताबिक, जब रियल मनी गेमिंग पर रोक लगी थी तो यह पैसा खिलाड़ियों को वापस किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा, खिलाड़ियों को अपना ही पैसा निकालने (Withdraw) में भी जानबूझकर दिक्कतें दी गईं।

भारत का पैसा अमेरिका में शिफ्ट?

जांच में यह भी सामने आया है कि गेमिंग का यह धंधा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था। ब्राजील और जर्मनी जैसे देशों में भी जाल फैला था। ईडी का दावा है कि कंपनी ने 'ओवरसीज इन्वेस्टमेंट' (विदेशी निवेश) के नाम पर भारी रकम भारत से बाहर भेजी।
एजेंसी को कंपनी के अमेरिका वाले बैंक खाते में लगभग 55 मिलियन डॉलर (करीब 489 करोड़ रुपये) मिले हैं। ईडी का कहना है कि यह अमेरिका वाली कंपनी सिर्फ एक दिखावा (Shell Company) थी, जबकि सारा काम-काज भारत से ही संभाला जा रहा था।

विंजो का क्या कहना है?

इन सब गंभीर आरोपों के बीच विंजो ने अपनी सफाई दी है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि उनका प्लेटफॉर्म पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है। उनका दावा है कि वे देश के सभी कानूनों का पालन करते हैं और यूज़र्स की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।

ईडी की सख्त कार्रवाई

फिलहाल, ईडी ने विंजो के करीब 505 करोड़ रुपये की संपत्ति (म्यूचुअल फंड्स, एफडी आदि) को फ्रीज कर दिया है। सिर्फ विंजो ही नहीं, 'गेमजक्राफ्ट' नाम की एक और कंपनी भी रडार पर है। विंजो के फाउंडर्स को कोर्ट में पेश कर कस्टडी में भेज दिया गया है। यह घटना ऑनलाइन गेमर्स के लिए एक बड़ा अलर्ट है कि जिस ऐप पर वो भरोसा कर रहे हैं, उसके पीछे का सच क्या है।