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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने पत्रकारिता की सतह से कहीं गहरे उतरते हुए ज्योति मल्होत्रा के लैपटॉप से निकाली गई डिजिटल परतों में एक ऐसा राज़ खोज निकाला है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा की नब्ज को झकझोर दिया है।

मूल जांच रिपोर्ट के अनुसार ज्योति को अपने पाकिस्तानी मित्रों के आईएसआई (Inter-Services Intelligence) से जुड़ाव की पूरी जानकारी थी। वह जानती थीं कि उनके संपर्क सिर्फ आम नागरिक नहीं बल्कि दुश्मन मुल्क की खुफिया एजेंसी के प्रशिक्षित प्रतिनिधि हैं — फिर भी उनके व्यवहार में न कोई भय था न ही कोई पछतावा।

जैसे कोई शतरंज खिलाड़ी गहरी चालें चलता है वैसे ही ज्योति का संपर्क चार पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों से बना रहा और वह भी सिर्फ वर्चुअल नहीं बल्कि प्रत्यक्ष मुलाकात के स्तर तक। रिपोर्ट बताती है कि उन्होंने इन एजेंटों से दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में गुप्त बैठकों में हिस्सा लिया।

उच्चायोग की इन मुलाकातों के समय और विवरण गोपनीय रखे गए हैं मगर सूत्रों का कहना है कि वहां पर विजिटर्स एंट्री लॉग कैमरा फुटेज और चैट रिकॉर्ड्स की जांच हो रही है। यह केवल राजनयिक हलकों में हलचल नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के भीतर गूंजती हुई घंटी बन चुकी है।

जांच जारी मगर कई सवाल

इस समय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश में जुटी हैं। कौन थे ये चार एजेंट, उनका असली मकसद क्या था। सूत्र बताते हैं कि ज्योति का लैपटॉप कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों इन्क्रिप्टेड चैट्स और संभावित रूप से डेटा लीक से जुड़ी सूचनाओं का स्रोत बन सकता है।

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