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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की चुनावी लड़ाई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शुरुआती मतगणना में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने की दिशा में रास्ता साफ हो गया है।

गिनती शुरू होने पर संकेत मिले कि एनडीए कई मेजर निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जबकि महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वामपंथी दल) पीछे नजर आ रहा है।

प्रमुख तथ्य व आंकड़े

इस विधानसभा चुनाव में कुल 243 सीटें थीं। मतदान दो चरणों में हुआ पहले चरण में 6 नवंबर को और दूसरे में 11 नवंबर को। मतदान प्रतिशत इस बार लगभग 67.13 प्रतिशत रहा जिसे रिकॉर्ड माना गया।

शुरुआती रुझानों के अनुसार:
 – जदयू ≈ 55
 – भाजपा ≈ 54
 – एलजेपी(आर) ≈ 8
 – आरएलएम ≈ 4
 – राजद ≈ 51
 – कांग्रेस ≈ 13
 – लेफ्ट ≈ 10
 – वीआईपी ≈ 3
 – जन सूरज ≈ 5
 – एआईएमआईएम ≈ 2

एनडीए गठबंधन ने विकास-उन्मुख रुझानों, पार्टी संगठन और ग्रामीण-शहरी वोटों में संतुलन के दम पर बढ़त बनाई है।

क्या दिखा आम मतदाता मत-मानस में?

एनडीए को मिलता दिख रहा है लाभ उन विकास-झुकावों से जिनका लाभ ग्रामीण और मध्यवर्गीय मतदाताओं ने उठाया है। पूर्व सर्वे में भी एनडीए को 130-167 सीटों की रेंज में जीत का अनुमान था।

वहीं, महागठबंधन को इस दौरान बदलाव-उम्मीद और युवा वोटरों पर भरोसा था लेकिन प्रारंभिक रुझान उसके पक्ष में धीमे दिखे।

अब आगे क्या?

गिनती अभी जारी है और अंतिम परिणाम आने तक कुछ पल बड़े हो सकते हैं। एनडीए को अब महज बहुमत बनाये रखना है, जबकि महागठबंधन को अपने कमजोर पड़ रहे सेक्टर में सुधार करना होगा। अगर सरकार बनती है, तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में नए कार्यकाल में स्थानीय विकास, रोजगार और कानून-व्यवस्था पर फोकस रहेगा।