Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में आरजेडी-कांग्रेस और वाम दलों का गठबंधन करारी हार का सामना कर रहा है। वहीं, एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दहाई में सेंचुरी लगाने जैसी जीत दर्ज की है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि चुनाव में पारदर्शिता नहीं थी और परिणामों में गड़बड़ी हुई है। कांग्रेस ने इन नतीजों को स्वीकार करना मुश्किल बताया है।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो हो गया, उसके लिए चिंता करने का कोई फायदा नहीं। उन्होंने कहा, "नतीजे आ चुके हैं, अब जो हुआ सो हुआ। हमारे वरिष्ठ नेता पहले ही अपनी राय दे चुके हैं।" जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कर्नाटक में मंत्रिमंडल में बदलाव होगा, तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
बिहार चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी की स्थिति पर विचार किया। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। साथ ही संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अजय माकन और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू भी बैठक में शामिल थे।
पार्टी ने बिहार की 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल छह सीटों पर ही जीत हासिल हुई। यह 2010 के बाद पार्टी का दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। बैठक के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात नहीं की, लेकिन के सी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी और परिणामों पर विश्वास करना मुश्किल है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले हफ्तों में पार्टी इस पर ठोस सबूत पेश करेगी।
वेणुगोपाल ने आगे बताया कि यह परिणाम सिर्फ कांग्रेस के लिए ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लोगों और गठबंधन सहयोगियों के लिए भी अविश्वसनीय हैं। उन्होंने कहा कि सभी सहयोगियों से चर्चा की गई है और किसी को भी इन नतीजों पर यकीन नहीं है।

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