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Up Kiran, Digital Desk: डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सुबह का नाश्ता बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। सही नाश्ता आपके ब्लड शुगर को दिन भर कंट्रोल में रखने में मदद कर सकता है। जब भी हेल्दी नाश्ते की बात होती है, तो दो नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं - रागी और ओट्स। दोनों ही सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीज़ों के लिए इन दोनों में से क्या चुनना बेहतर है? चलिए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय।

शुगर के मरीज़ों के लिए रागी:रागी, जिसे नाचनी या फिंगर मिलेट भी कहा जाता है, सदियों से भारतीय किचन का हिस्सा रहा है। यह कैल्शियम, आयरन और फाइबर का बेहतरीन सोर्स है।

क्यों है फायदेमंद: एक्सपर्ट्स के अनुसार, रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह खून में शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक से नहीं बढ़ता। इसमें मौजूद फाइबर पेट को lange समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बेवजह की भूख नहीं लगती और पाचन भी सुधरता है।

कैसे खाएं: रागी को हमेशा हेल्दी तरीके से खाना ज़रूरी है। तले हुए रागी के स्नैक्स खाने से बचें। इसकी जगह आप रागी का डोसा, दलिया या माल्ट बनाकर खा सकते हैं।

शुगर के मरीज़ों के लिए ओट्स:ओट्स को पूरी दुनिया में दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें 'बीटा-ग्लूकन' नाम का एक ख़ास तरह का फाइबर होता है, जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

क्यों है फायदेमंद: ओट्स में मौजूद फाइबर शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है और इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बेहतर बनाता है। यह न सिर्फ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है, बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जिससे दिल की बीमारियों का ख़तरा घट जाता है। डायबिटीज के मरीज़ों में दिल की बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा होता है, इसलिए ओट्स उनके लिए दुगना फ़ायदा पहुँचा सकते हैं।

कैसे खाएं: हमेशा प्लेन यानी रोल्ड या स्टील-कट ओट्स ही चुनें। बाज़ार में मिलने वाले फ्लेवर्ड या इंस्टेंट ओट्स में अक्सर चीनी और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं, जो फायदे की जगह नुकसान पहुँचा सकते हैं। आप ओट्स का दलिया, स्मूदी या नमकीन उपमा बनाकर खा सकते हैं।

तो क्या है बेहतर - रागी या ओट्स?

तो आख़िरकार चुनना क्या चाहिए? एक्सपर्ट्स की मानें तो जवाब है - दोनों।

अगर आपको कैल्शियम और आयरन से भरपूर पारंपरिक अनाज खाना है, तो रागी एक बेहतरीन विकल्प है।

लेकिन अगर आपका ध्यान कोलेस्ट्रॉल घटाने और पेट की सेहत को सुधारने पर है, तो ओट्स ज़्यादा बेहतर है।

सबसे अच्छी बात यह है कि आप किसी एक पर टिके न रहें। अपने हफ़्ते के डाइट में दोनों को शामिल करें। कभी रागी का चीला खाएं, तो कभी ओट्स का दलिया। इससे आपके शरीर को अलग-अलग पोषक तत्व भी मिलेंगे और आपको वैरायटी भी। बस ध्यान रखें कि दोनों को बिना ज़्यादा तेल या चीनी के ही पकाएं और अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही मात्रा में खाएं।