
Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो मस्जिदों पर विवाद गहराता जा रहा है। जिला प्रशासन ने इन मस्जिदों को अवैध घोषित कर उनके तोड़फोड़ के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि, वक्फ बोर्ड ने इस कदम का विरोध किया है और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुस्लिम संगठनों का दावा है कि ये मस्जिदें वक्फ संपत्तियां हैं और प्रशासन पर प्रभावशाली समूहों के पक्ष में काम करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, हिंदू संगठन मस्जिदों को तुरंत हटाने की मांग कर रहे हैं। आइए, इस बढ़ते संघर्ष का विस्तृत जायजा लें।
विवाद की जड़: दिलकश मस्जिद और भदभदा मस्जिद
यह विवाद भोपाल की जीवन रेखा माने जाने वाले बड़े तालाब क्षेत्र में स्थित दिलकश मस्जिद और भदभदा मस्जिद को लेकर है। 4 जुलाई को, जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर कहा कि ये मस्जिदें अतिक्रमित भूमि पर बनी हैं। डिप्टी तहसीलदार के आदेश के अनुसार, दोनों मस्जिदें स्थायी संरचनाएं हैं जो अवैध रूप से भूमि पर कब्जा कर रही हैं और उन्हें तुरंत हटाना होगा, अन्यथा जबरन बेदखली की जाएगी।
प्रतिक्रिया देते हुए, मुस्लिम समूहों ने चेतावनी दी है कि मस्जिदों में प्रवेश करने या उन्हें हटाने का कोई भी प्रयास गंभीर संघर्ष को जन्म देगा। उन्होंने यहां तक कहा कि "लाशों पर लड़ाई लड़ी जाएगी।" दूसरी ओर, हिंदू समूहों ने एक दृढ़ रुख अपनाया है, और जोर देकर कहा है कि मस्जिदों को बिना किसी देरी के गिराया जाना चाहिए।
वक्फ बोर्ड का कानूनी पक्ष: 1937 के दस्तावेज़ों का दावा
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने प्रशासन के आदेश को चुनौती दी है, यह दावा करते हुए कि मस्जिदें वैध वक्फ संपत्तियां हैं जिनके 1937 से वैध कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं। हालांकि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने वक्फ बोर्ड को मामले में पक्षकार बनाया था, लेकिन उसने तोड़फोड़ के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बोर्ड ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। बोर्ड ने यह जानकारी मस्जिद परिसर के भीतर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित भी की है।
नोटिस जारी करने का कारण: 'नो डेवलपमेंट ज़ोन' में अतिक्रमण
प्रशासन की यह कार्रवाई बड़े तालाब के आसपास 'नो डेवलपमेंट ज़ोन' में अतिक्रमणों को साफ करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है। NGT और पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचनाओं के अनुसार, एक सर्वेक्षण में 35 अतिक्रमणों की पहचान की गई है, जिनमें मंदिर, मज़ार और ये दो मस्जिदें शामिल हैं। ये सभी इस संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और इन्हें हटाया जाना है। प्रशासन का इरादा वक्फ बोर्ड और मस्जिद समितियों दोनों को सुनने के बाद कार्रवाई करना है।
बढ़ता तनाव और राजनीतिक रंग: 'लैंड जिहाद' का आरोप
हटाने के नोटिस की खबर ने मुस्लिम समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, जिन्होंने इस कार्रवाई को धार्मिक स्थलों पर हमला बताया। हिंदू संगठनों ने तत्काल तोड़फोड़ की जोरदार मांगों के साथ जवाब दिया, और चेतावनी दी कि वक्फ बोर्ड बड़े तालाब को भी वक्फ संपत्ति होने का दावा कर सकता है। यह स्थिति तेजी से राजनीतिक और धार्मिक रूप से गरमागरम होती जा रही है। सरकार ने इस बात को दोहराया है कि 'लैंड जिहाद' को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और NGT आदेशों तथा कानूनी प्रक्रियाओं को लागू करने का वचन दिया है।
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