Up kiran,Digital Desk : बुधवार की दोपहर करीब तीन बजे... पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सर्विस रोड के किनारे खड़े गांव वालों की आंखें फटी की फटी रह गईं और सांसें थम गईं। अचानक एक जोरदार धमाके की आवाज आई, जिसके बाद करीब 8 से 10 सेकंड तक सिर्फ चीखें ही चीखें सुनाई दीं। और फिर, इसके पहले कि कोई कुछ समझ पाता, एक्सप्रेसवे पर दो कारें आग का धधकता हुआ गोला बन चुकी थीं।
मंजर इतना खौफनाक था कि पास खड़े गांव वाले और दुकानदार भी चीखते हुए सड़क की ओर भागे। धुएं और आग की लपटों के बीच जो दिखा, वो दिल दहला देने वाला था- सड़क पर करीब 15-20 मीटर दूर एक महिला और एक बच्चे का शव पड़ा था।
नाश्ते के लिए रुके, और फिर कभी नहीं उठे
पुलिस के मुताबिक, मऊ के घोसी इलाके के रहने वाले 30 वर्षीय जिशान अपनी बहन गुलिश्ता परवीन उर्फ चांदनी (49) और उनकी चार बेटियों- समरीन, इलमा, इस्मा और बेटे जियान के साथ लखनऊ जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अचानक उनकी वैगन-आर कार सड़क किनारे रुकी। परिवार के लोग नीचे उतरे और सर्विस रोड से पानी और कुछ नाश्ता लिया।
यह उनकी जिंदगी का आखिरी नाश्ता था। जैसे ही परिवार के चार लोग वापस कार में बैठे, पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार ब्रेजा कार ने उन्हें इतनी जोरदार टक्कर मारी कि वैगन-आर के परखच्चे उड़ गए और उसमें आग लग गई।
गांव वालों की हिम्मत और सिस्टम की सुस्ती
धमाके की आवाज सुनते ही पास के कुड़वा गांव के प्रधान अनिल सिंह, शैलेंद्र सिंह और विजय कुमार जैसे कई लोग कंटीले तार फांदकर एक्सप्रेसवे पर मदद के लिए चढ़े। सामने का नजारा देखकर वे भी कांप गए। उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए पीछे वाली ब्रेजा कार में फंसे दिल्ली के रहने वाले दीपांशु मिश्रा, दीप्ति, तृप्ति और प्रगति को किसी तरह खींचकर बाहर निकाला।
लेकिन इस पूरी घटना में सिस्टम की लापरवाही भी साफ नजर आई। घटना के पूरे 20 मिनट बाद यूपीडा (UPEIDA) की सुरक्षा टीम मौके पर पहुंची और पुलिस को पहुंचने में 40 मिनट लग गए। तब तक दोनों कारें जलकर खाक हो चुकी थीं।
अस्पताल में मचा कोहराम
जैसे ही एंबुलेंस घायलों और शवों को लेकर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पहुंची, वहां कोहराम मच गया। पहली एंबुलेंस से एक घायल महिला को उतारा गया, तो दूसरी में दो मासूम बच्चों के शव थे। यह देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। एक के बाद एक पांच एंबुलेंस पहुंचीं और पूरा अस्पताल चीख-पुकार और दहशत में डूब गया।
इस मौत के तांडव के बीच एक चमत्कार भी हुआ
इस पूरी तबाही और मौत के मंजर के बीच एक ऐसी घटना हुई, जिसने सबको हैरान कर दिया। टक्कर मारने वाली ब्रेजा कार में एक पालतू कुत्ता भी बैठा था। आग, धुएं और धमाकों के बीच, जब इंसानी जिंदगियां खत्म हो रही थीं, वह कुत्ता खरोंच के बिना बिल्कुल सुरक्षित बच गया। गांव वाले भी यह देखकर हैरान थे। पुलिस ने उस कुत्ते को फिलहाल गांव वालों की ही देखरेख में छोड़ दिया है।
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