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Up Kiran, Digital Desk: सिंगापुर में चल रहे प्रतिष्ठित शंगरी-ला डायलॉग, जो एशिया का एक प्रमुख सुरक्षा सम्मेलन है, के दौरान भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के एक उच्च पदस्थ सैन्य जनरल के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस मुलाकात का मुख्य एजेंडा आतंकवाद का मुद्दा रहा, जो भारत और पाकिस्तान के संबंधों में हमेशा से तनाव का एक बड़ा कारण रहा है।

इस बैठक में CDS जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के जनरल को सीधे तौर पर और स्पष्ट शब्दों में संदेश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के लिए आतंकवाद एक 'रेड लाइन' है। 'रेड लाइन' का इस्तेमाल यह रेखांकित करने के लिए किया गया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता या ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा, खासकर जब यह सीमा पार से संचालित होता है। यह एक तरह से पाकिस्तान को दी गई कड़ी चेतावनी थी कि यदि आतंकवाद का समर्थन या बढ़ावा जारी रहा, तो भारत चुप नहीं बैठेगा।

पाकिस्तानी जनरल ने CDS चौहान की बात का जवाब देते हुए आतंकवाद के मुद्दे को स्वीकार किया। हालांकि, उनके जवाब का विस्तृत ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि उन्होंने समस्या की मौजूदगी को स्वीकारा।

रक्षा और सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच सीधी बातचीत, भले ही संक्षिप्त हो, महत्वपूर्ण होती है। यह दोनों पक्षों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने और एक-दूसरे की चिंताओं को समझने का अवसर प्रदान करता है। CDS चौहान का यह बयान भारत की आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति की दृढ़ता को दर्शाता है।

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