
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में 'प्रजा पालन' (जनता का शासन) का वादा कर सत्ता में आई रेवंत रेड्डी सरकार अब भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। हाल ही में ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी के पास से कथित तौर पर 50 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी मिलने के मामले ने पूरी नौकरशाही में भूचाल ला दिया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) खुद हरकत में आ गया है और भ्रष्टाचार में लिप्त 'शार्क और व्हेल' यानी बड़ी मछलियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
क्या है 50 करोड़ वाला सनसनीखेज मामला?
सूत्रों के मुताबिक, GHMC और हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) में एक प्रमुख विभाग के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी पर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने के बदले में कमीशन लेने का गंभीर आरोप लगा है। मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि अधिकारी ने कथित तौर पर व्यापारियों से अपना 50 करोड़ का काला धन सफेद करने के लिए मदद मांगी और इसके लिए मोटे कमीशन की पेशकश भी की।
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, जिनके पास खुद शहरी विकास मंत्रालय का प्रभार है, ने CMO को तत्काल इस मामले की पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर इस IAS अधिकारी और उसके दो सहयोगी अधिकारियों के खिलाफ बहुत जल्द "कड़ी कार्रवाई" की जाएगी, जिन्होंने कथित तौर पर सिर्फ एक साल के भीतर अकूत संपत्ति जमा कर ली है।
CM के निशाने पर कई विभागों के 'घूसखोर'
यह सिर्फ एक मामला नहीं है। सरकार को कई प्रमुख विभागों के कमिश्नर और सचिव स्तर के अधिकारियों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैं, जो अब जांच के दायरे में हैं।
राजस्व और रियल एस्टेट: सबसे ज्यादा शिकायतें राजस्व-सृजन करने वाले विभागों और रियल एस्टेट वेंचर्स को परमिशन देने वाले कमिश्नरेट से आ रही हैं, जहाँ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
एकतरफा फैसले: कुछ IAS अधिकारी महत्वपूर्ण विभागों में एकतरफा फैसले लेकर और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके वित्तीय लाभ उठा रहे हैं।
पिछली सरकार के पाप: पिछली BRS सरकार के दौरान भी एक वरिष्ठ IAS अधिकारी पर अपनी बेटी की शाही शादी के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी से वित्तीय लाभ मांगने का आरोप लगा था।
"छोटी मछलियों को चेतावनी, बड़ी पर होगा एक्शन"
सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। पहले कुछ "छोटी मछलियों" पर कार्रवाई करके एक चेतावनी दी गई है, लेकिन अब सरकार का असली निशाना भ्रष्टाचार के दलदल में धंसी "शार्क और व्हेल" हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अपनी ही नाक के नीचे, यानी अपने द्वारा संभाले जा रहे प्रमुख विभागों में फैले भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं।