chanakya niti: आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के महानतम रणनीतिकारों में से एक है। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र में गहन अध्ययन किया है। उनके अनुसार, घर की समृद्धि और आर्थिक स्थिरता का सीधा संबंध वहां की आंतरिक शांति से है। चाणक्य का मानना है कि घर में अगर अशांति और कलह का माहौल बना रहता है, तो मां लक्ष्मी जो धन की देवी हैं, वहां कभी निवास नहीं करतीं। आईये जानते हैं चाणक्य के मुताबिक, किन घरों में मां लक्ष्मी वास नहीं करती है।
चाणक्य के अनुसार, घर में शांति न केवल परिवार के सदस्यों के लिए आवश्यक है, बल्कि ये आर्थिक स्थिरता के लिए भी जरूरी है। उनका कथन है कि हर घर में शांति रहनी चाहिए। बिना किसी कारण माहौल अशांत नहीं रहना चाहिए। यदि अशांति रहती है तो वो घर हमेशा परेशान रहता और पैसों की तंगी से जूझता है।
आचार्य चाणक्य का यह भी मानना है कि घर में ईश्वर का नाम लेने से और नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से आर्थित समस्याओं से बचा जा सकता है। "अगर घर में ईश्वर का नाम नहीं लिया जाता है तो हमेशा आर्थिक परेशानी बनी रहती है।" पैसे और खुशहाली चाहिए तो घर ईश्वर का गुणगान करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने इस पर भी जोर दिया है कि घर में यदि गलत तरीके से कमाया गया धन आता है, तो वह वहां स्थायी रूप से खुशियों को दूर कर देता है। अगर किसी घर में गलत जरिए से कमाया हुआ धन आता है, वहां मां लक्ष्मी पल भर भी रुकना पसंद नहीं करती हैं।