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Up Kiran, Digital Desk:नौकरियां पाने के लिए अब सिर्फ डिग्रियां और सर्टिफिकेट ही काफी नहीं रहे। आज के गतिशील रोजगार बाजार में, कंपनियां तेजी से 'कौशल-आधारित भर्ती' (Skill-Based Hiring) की ओर बढ़ रही हैं, जहाँ उम्मीदवार की वास्तविक क्षमताओं, व्यावहारिक कौशल और विशिष्ट दक्षता (competencies) को उसकी अकादमिक योग्यता या पिछले अनुभव से अधिक महत्व दिया जा रहा है। यह प्रवृत्ति भर्ती प्रक्रिया के भविष्य को नया आकार दे रही है।

आज का कार्यस्थल बेहद जटिल और तेजी से बदल रहा है। पारंपरिक शिक्षा भले ही एक मजबूत नींव प्रदान करे, लेकिन वह हमेशा इस बात की गारंटी नहीं देती कि कोई व्यक्ति विशिष्ट कार्यों को कितनी कुशलता से निभा पाएगा या वास्तविक दुनिया की समस्याओं को कैसे हल करेगा। यहीं पर कौशल-आधारित भर्ती एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कंपनियों को ऐसे व्यक्तियों को पहचानने में मदद करती है जिनके पास सीधे भूमिका में योगदान करने के लिए आवश्यक उपकरण और योग्यताएं हैं।

कौशल-आधारित भर्ती क्यों बढ़ रही है?

कार्यकुशलता और प्रदर्शन: कंपनियाँ अब उन कर्मचारियों को चाहती हैं जो तुरंत उत्पादक बन सकें। एक कौशल-आधारित मूल्यांकन यह सुनिश्चित करता है कि उम्मीदवार के पास नौकरी के लिए आवश्यक ठोस कौशल हैं, जिससे ऑनबोर्डिंग समय कम होता है और प्रदर्शन बेहतर होता है।

विविधता और समावेशिता: यह दृष्टिकोण भर्ती में पूर्वाग्रह को कम करने में मदद करता है। यह पृष्ठभूमि, शिक्षा या पिछले रोजगार के इतिहास की परवाह किए बिना व्यक्तियों को अवसर प्रदान करता है, जिससे कार्यबल में अधिक विविधता आती है।

अनुकूलनशीलता और नवाचार: बदलते उद्योग परिदृश्य में, 'आजीवन सीखने' (Lifelong Learning) और 'कौशल उन्नयन' (Upskilling) की क्षमता महत्वपूर्ण है। कौशल-आधारित भर्ती ऐसे व्यक्तियों की पहचान करती है जो नए कौशल सीखने और बदलते परिवेश के अनुकूल होने में सक्षम हैं, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलता है।

प्रतिभा की व्यापक पूल: यह कंपनियों को योग्य उम्मीदवारों के एक बड़े पूल तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, जिसमें वे भी शामिल हैं जिनके पास पारंपरिक डिग्रियां नहीं हैं लेकिन उन्होंने वैकल्पिक माध्यमों से मूल्यवान कौशल हासिल किए हैं।

कौशल-आधारित भर्ती सिर्फ एक नया ट्रेंड नहीं, बल्कि रोजगार के भविष्य की नींव है। यह एक ऐसे कार्यबल का निर्माण कर रहा है जो अधिक लचीला, विविध और प्रदर्शन-उन्मुख है। कंपनियों और नौकरी चाहने वालों दोनों के लिए, अब समय है कि वे डिग्री और पारंपरिक पदनामों से परे जाकर 'क्या कर सकते हैं' पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि यही भविष्य में सफलता की कुंजी होगी।

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