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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए माफिया के कब्ज़े वाली ज़मीन पर गरीबों को 72 फ्लैटों का तोहफा दिया। यह कदम राज्य सरकार की ज़ीरो-टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत संगठित अपराध और ज़मीन कब्ज़ाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

5 नवंबर को लखनऊ के हज़रतगंज इलाके में इस अहम फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "माफिया को हर हाल में खत्म किया जाएगा और उनकी ज़मीन पर गरीबों को घर दिए जाएंगे। यह ज़मीन माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई है, और इसका उपयोग अब वंचितों के भले के लिए किया जाएगा।"

योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि माफिया कभी भी किसी के दोस्त नहीं होते, उनका काम सिर्फ गरीबों का शोषण करना होता है। उन्होंने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि माफियाओं से ज़मीन वापस लेकर उसे गरीबों को देने का सिलसिला जारी रहेगा।

72 फ्लैट: गरीबों के लिए सौभाग्य का नया अवसर

इन 72 फ्लैटों को सरदार वल्लभभाई पटेल आवास योजना के तहत विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए विकसित किया गया है। यह फ्लैट 36.65 वर्ग मीटर में फैले हुए हैं और तीन ब्लॉक संरचना में हैं, जिसमें भूतल और तीन मंजिलें शामिल हैं। इनका निर्माण लखनऊ के प्रमुख स्थान बालू अड्डा, 1090 चौराहा, नरही, सिकंदरबाग और हजरतगंज चौराहा जैसे जगहों के पास किया गया है, जो नागरिकों के लिए शानदार कनेक्टिविटी और सुविधाएं प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर कहा, "आज (कार्तिक पूर्णिमा) के दिन लखनऊ में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है, जहां कुख्यात माफिया के कब्जे से मुक्त की गई ज़मीन पर गरीबों के लिए घर बनाए गए हैं।"

लॉटरी प्रक्रिया: 8,000 आवेदनकर्ताओं ने किया पंजीकरण

इन फ्लैटों के आवंटन के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया की गई थी, जो 4 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक चली। इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 8,000 लोगों ने पंजीकरण कराया, जो यह दर्शाता है कि प्रमुख शहरी क्षेत्रों में किफायती आवास की कितनी बड़ी मांग है।

4 नवंबर को लॉटरी प्रणाली के माध्यम से इन फ्लैटों का आवंटन किया गया। इस प्रणाली से यह सुनिश्चित किया गया कि आवेदकों के बीच पारदर्शिता बनी रहे और एक निष्पक्ष तरीके से फ्लैटों का वितरण किया जा सके।