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Up Kiran, Digital Desk: प्रसाद, जो मंदिरों में भगवान को चढ़ाया जाता है और भक्तों में वितरित किया जाता है, उसकी शुद्धता और गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण होती है। हाल ही में, ऐसी चिंताएँ सामने आई हैं कि प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट की जा रही है।

यह मुद्दा विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उठाया गया है जहाँ बड़े मंदिरों में भारी मात्रा में प्रसाद तैयार होता है, जैसे कि आंध्र प्रदेश के कुछ जिले।

मिलावटी घी के इस्तेमाल से न केवल प्रसाद की धार्मिक और आध्यात्मिक शुद्धता पर सवाल उठते हैं, बल्कि यह भक्तों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। मिलावट में अक्सर अशुद्ध, निम्न गुणवत्ता वाले, या हानिकारक पदार्थों का मिश्रण हो सकता है।

इस स्थिति ने अधिकारियों, मंदिर प्रशासनों और भक्तों के बीच चिंता पैदा कर दी है। शुद्ध और स्वच्छ सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करने और मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग बढ़ रही है ताकि प्रसाद की पवित्रता और भक्तों का विश्वास बना रहे। खाद्य सुरक्षा विभाग से इस मामले में जांच करने और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।

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