
Up Kiran, Digital Desk: आगामी चुनावों, विशेषकर बिहार चुनावों के मद्देनजर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 11 अगस्त 2025 को विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सांसदों के लिए एक महत्वपूर्ण रात्रिभोज का आयोजन किया। इस बैठक का मुख्य एजेंडा बिहार में चुनावी मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के खिलाफ एकजुट होना था। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को 'वोट की चोरी' या 'मतदान में धांधली' करार दिया है, जिसका कथित तौर पर बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर आगामी चुनावों में लाभ उठाने के लिए कर रहे हैं।
इस रात्रिभोज का आयोजन उसी सप्ताह राहुल गांधी के आवास पर हुई एक बैठक के बाद हुआ, जहाँ 'इंडिया' गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने एक साथ आकर बिहार की मतदाता सूची में कथित हेरफेर और चुनावी प्रक्रिया में धांधली के खिलाफ अपनी रणनीति पर चर्चा की थी। यह बैठक विपक्षी गठबंधन के नेताओं के बीच हालिया लोकसभा चुनावों के बाद हुई पहली आमने-सामने की बैठक थी, जो उनकी एकता को दर्शाती है।
खरगे के नेतृत्व में आयोजित इस रात्रिभोज में शरद पवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव सहित विभिन्न दलों के लगभग 50 नेता शामिल हुए। इस अवसर पर, विपक्षी नेताओं ने न केवल मतदाता सूची संशोधन के मुद्दे पर अपनी एकजुटता दोहराई, बल्कि सरकार को घेरने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया।
एक दलित नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खरगे का कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना, पार्टी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषकर बिहार जैसे राज्य में, जहाँ दलित वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभाता है, खरगे का नेतृत्व कांग्रेस के लिए एक 'ट्रम्प कार्ड' साबित हो सकता है।
उनके नेतृत्व में पार्टी दलित समुदाय को एकजुट करने और व्यापक समर्थन जुटाने की उम्मीद कर रही है, जो राहुल गांधी की चुनावी रणनीतियों को और मजबूत कर सकता है। यह रात्रिभोज न केवल चुनावी रणनीतियों को आकार देने का मंच बना, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विपक्षी दल आगामी राजनीतिक मुकाबलों के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं।
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