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Up Kiran, Digital Desk:आजकल सेहत का ख्याल रखने के लिए तांबे के बर्तन में पानी रखना काफी लोकप्रिय हो गया है। माना जाता है कि तांबा शरीर के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि हर किसी के लिए तांबे का पानी सुरक्षित नहीं होता? खासकर कुछ बीमारियों से पीड़ित लोग इसे पीने से बचें तो बेहतर है। चलिए जानें, किन खास हालात में तांबे का पानी नुकसानदेह हो सकता है।

विल्सन रोग: तांबे का सेवन हो सकता है खतरनाक

विल्सन रोग एक जटिल बीमारी है जिसमें शरीर में कॉपर का संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे मरीजों का शरीर अतिरिक्त तांबे को बाहर नहीं निकाल पाता। इसलिए, तांबे से बने बर्तन में रखा पानी पीना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे मरीजों को स्टेनलेस स्टील या कांच के बर्तन का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

कॉपर एलर्जी: चक्कर आ सकता है त्वचा पर

कुछ लोगों की त्वचा तांबे से एलर्जी करती है। इसका असर जलन, खुजली या दाने के रूप में दिख सकता है। अगर आपको धातुओं से एलर्जी की शिकायत रहती है, तो तांबे का पानी पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। प्लास्टिक-फ्री ग्लास बोतल इस मामले में बेहतर विकल्प हो सकती है।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए खतरा

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ने से भ्रूण और नवजात बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हार्मोनल बदलाव की वजह से शरीर कॉपर को ज्यादा आकर्षण करता है, जो जोखिम बढ़ा सकता है। ऐसे में डॉक्टर की अनुमति के बिना तांबे का पानी पीना ठीक नहीं है।

किडनी और लीवर की बीमारी में सावधानी जरूरी

यदि आपकी किडनी या लीवर ठीक से काम नहीं कर रहे, तो कॉपर का सेवन आपके लिए खतरनाक हो सकता है। ये अंग शरीर से अतिरिक्त तांबे को बाहर निकालने में असमर्थ होते हैं, जिससे विषाक्तता बढ़ सकती है। ऐसे लोगों के लिए ग्लास या स्टेनलेस स्टील की बोतल बेहतर रहती है।

दिल की बीमारी में तांबे का पानी? पहले डॉक्टर से राय लें

दिल की परेशानी या सांस फूलने जैसी समस्याओं वाले लोगों को तांबे के पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। अत्यधिक कॉपर शरीर में जहर की तरह काम कर सकता है, जो दिल, किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।