img

Up Kiran, Digital Desk: पौष अमावस्या, जो हिंदू धर्म में एक विशेष और पवित्र दिन के रूप में मनाई जाती है, इस बार 19 दिसंबर 2025 को आ रही है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने के लिए भी एक विशेष अवसर प्रदान करता है। विशेषकर पितृ पूजा और तर्पण के साथ इस दिन के कई अनुष्ठान, जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

पितरों के आशीर्वाद के लिए है खास महत्व

हिंदू धर्म में अमावस्या को पितरों के साथ संबंध जोड़ने और उनकी कृपा प्राप्त करने का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। पौष अमावस्या पर धार्मिक क्रियाएँ और उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि इस दिन के विशेष योगों और ग्रह स्थितियों का प्रभाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

पौष अमावस्या के शुभ योग

इस वर्ष पौष अमावस्या पर तीन विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं।

ब्रह्मा मुहूर्त: प्रातः 5:19 से 6:14 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:58 से 12:39 तक

लाभ और उन्नति के लिए मुहूर्त: सुबह 8:26 से 9:43 बजे तक
इसके अलावा, अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त 9:43 से 11:01 बजे तक रहेगा, जो विशेष रूप से भाग्य और समृद्धि के लिए फायदेमंद माना जाता है।

तर्पण और पवित्र स्नान

पौष अमावस्या पर पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तर्पण और स्नान की परंपरा भी है। प्रातः समय में गंगा जल मिलाकर स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। यदि किसी को नदी तक पहुंचने में कठिनाई हो, तो घर पर ही यह क्रिया की जा सकती है। इसके बाद पितरों के प्रति तर्पण करना आवश्यक होता है, और इस दौरान दक्षिण दिशा की ओर मुंह करना शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे पितरों की दिशा माना जाता है।

दीपदान और पूजा

इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीप जलाना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य होता है। यह न केवल पितृ दोष को शांत करने के लिए है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से माना जाता है कि पितरों का आशीर्वाद मिलता है, और घर में सुख-शांति का वातावरण रहता है।

इसके अलावा, पितरों के नाम से पूजा और प्रार्थना करना भी शुभ फल देता है, जिससे जीवन में स्थिरता और उन्नति आती है।

किस्मत और पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष अमावस्या पर एक खास उपाय किया जा सकता है, जो पितृ दोष को दूर करने और भाग्य को बुलाने के लिए लाभकारी होता है। इसे करने के लिए किसी सुनसान स्थान पर दीपक जलाकर वहां थोड़ा भोजन या मिठाई अर्पित करें। यह उपाय करने के बाद घर लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें। इस क्रिया से पितृ दोष न केवल समाप्त होता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव और समृद्धि की शुरुआत होती है।

यह उपाय मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक बाधाओं को दूर करने में मदद करता है, और जीवन में नये अवसरों की शुरुआत करता है।