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Up Kiran Digital Desk: बिहार विधानसभा इलेक्शन के पहले महागठबंधन में शामिल दलों के नेता चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। रविवार को पटना में महागठबंधन के सभी प्रमुख दलों की तीसरी अहम मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग का आयोजन दीघा-आशियाना रोड स्थित दीघा रिसॉर्ट में किया गया, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दलों के नेता शामिल हुए।

सीएम फेस पर मुकेश सहनी का बयान

मीटिंग में एक बड़ा बयान सामने आया जब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने सीएम फेस को लेकर साफ-साफ कह दिया कि "कोई भी कंफ्यूजन नहीं है, जिनके पास वोट है, जिनके पास ताकत है, वही व्यक्ति नेतृत्व करेंगे।" इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी, क्योंकि यह बयान महागठबंधन के भीतर सीएम फेस को लेकर चल रही अनिश्चितता को और बढ़ा देता है। मुकेश सहनी के इस बयान ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना

मुकेश सहनी ने महागठबंधन की मीटिंग में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को लेकर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं, बल्कि नौकरशाहों के द्वारा चलाई जा रही है। हर स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है।" यह बयान बिहार की सत्ता के भीतर हो रहे प्रशासनिक बदलावों और उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाता है, जिसे लेकर राज्य के नागरिकों में चिंता जताई जा रही है।

चुनावी तालमेल और समन्वय पर चर्चा

महागठबंधन की मीटिंग में चुनावी रणनीति, आपसी तालमेल और समन्वय पर भी गहरी चर्चा हुई। को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और वामपंथी दलों के नेताओं ने राज्य में चुनावी तैयारियों पर मंथन किया। सभी नेताओं ने अपने-अपने दलों के कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीतियों को लेकर टास्क सौंपे।

सीएम फेस पर टकराव और जदयू का तंज

महागठबंधन की मीटिंग में सीएम फेस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हो सका, जिसके बाद एक बार फिर इस मुद्दे पर घमासान मच गया है। 17 अप्रैल को आरजेडी कार्यालय में हुई पहली मीटिंग में तेजस्वी यादव को को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था, जबकि 24 अप्रैल को कांग्रेस दफ्तर में हुई मीटिंग में तेजस्वी यादव ने इशारों-इशारों में खुद को सीएम फेस बनाने की बात कही थी। इस मीटिंग में भी सीएम फेस को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई।

जदयू ने महागठबंधन की मीटिंग पर तंज कसते हुए कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है, मगर जिस रिसॉर्ट में यह मीटिंग हो रही थी, वह इलाका लालू यादव के शासनकाल में इतना बदनाम था कि लोग दिन में भी वहां जाने से कतराते थे। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने महागठबंधन के नेताओं को मरीन ड्राइव पर मीटिंग करने की सलाह दी, और कहा कि इससे बेहतर होता अगर राज्य सरकार जो पानी का जहाज चलाती है, उस पर मीटिंग होती और वातावरण खुशनुमा होता।

महागठबंधन पर जदयू का तंज

नीरज कुमार ने महागठबंधन के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा, "लालू यादव अपने बेटे को महागठबंधन का नेता बनाने की गुहार लगा रहे हैं, मगर इन नेताओं ने उनकी भावना का सम्मान नहीं किया। महागठबंधन की मीटिंग का सीधा मतलब है कि 'लेना न देना, तेजस्वी यादव के लिए केवल फुलेना' साबित हो रहा है।" इस बयान ने महागठबंधन के भीतर चल रहे राजनीतिक खेल को और भी जटिल बना दिया है।

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