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दिल्ली सरकार की प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2.0 का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना और प्रदूषण कम करना है। यह नीति 31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी और केंद्र की पीएम ई-ड्राइव योजना का पूरक होगी। मसौदा तैयार है और कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।

महिलाओं के लिए सब्सिडी

पहली 10,000 महिलाओं (वैध ड्राइविंग लाइसेंस के साथ) को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर प्रति kWh 12,000 रुपये की सब्सिडी, अधिकतम 36,000 रुपये।


दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन

सभी के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया पर 10,000 रुपये प्रति kWh (अधिकतम 30,000 रुपये)।
12 साल से कम पुराने पेट्रोल/डीजल दोपहिया स्क्रैप करने पर अतिरिक्त 10,000 रुपये।
इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा (L5M) के लिए 45,000 रुपये तक सब्सिडी।
12 साल से कम पुराने ICE ऑटो स्क्रैप करने पर 20,000 रुपये।
10 साल पुराने CNG ऑटो को ई-ऑटो से बदलने पर 1 लाख रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन (अन्य लाभ नहीं)।

माल वाहनों के लिए:
इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (L5N): 45,000 रुपये तक।
इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर (N1): 75,000 रुपये तक।
मूल्य सीमा: L5N के लिए 4.5 लाख, N1 के लिए 12.5 लाख रुपये।

इन वाहनों पर प्रतिबंध
15 अगस्त 2024: नए CNG ऑटो पंजीकरण बंद, केवल ई-ऑटो परमिट।
15 अगस्त 2025: पेट्रोल/डीजल/CNG माल तिपहिया पंजीकरण बंद।
15 अगस्त 2026: सभी जीवाश्म ईंधन दोपहिया पर प्रतिबंध।
ठोस अपशिष्ट वाहनों और जीवाश्म ईंधन बसों को चरणबद्ध हटाने की योजना।

अन्य लक्ष्य:

2027 तक 95% नए वाहन इलेक्ट्रिक।
2030 तक 100% रिचार्जिंग बुनियादी ढांचा।
20,000 नई नौकरियाँ।
चार्जिंग/बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क, बैटरी रिसाइक्लिंग, कौशल केंद्र, और जागरूकता अभियान।
दिल्ली स्वच्छ गतिशीलता केंद्र और राज्य ईवी फंड की स्थापना।
यह नीति दिल्ली को टिकाऊ परिवहन की ओर ले जाने का महत्वपूर्ण कदम है।