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(राजधानी में गंभीर हालत)

यह दुर्भाग्य कहा जाएगा कि भारत की राजधानी नई दिल्ली दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित वाले शहरों में टॉप पर है। रविवार को स्विस ग्रुप आईक्यू एयर की ओर से जारी डेटा के मुताबिक दिल्ली के हालात सबसे खराब हैं। दूसरे नंबर पर पाकिस्तान का लाहौर, तीसरे पर कोलकाता, चौथे पर बांग्लादेश का ढाका और मुंबई पांचवें नंबर पर हैं। इसके बाद पाकिस्तान का कराची, चीन का शेनयांग और होंगझू, कुवैत और वुहान सबसे अधिक प्रदूषित वाले शहर रहे। लेकिन सबसे बुरी स्थिति राजधानी दिल्ली की है। दिल्ली में 2 करोड़ लोगों को केवल सांस लेने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। यहां के निवासियों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें आ रही हैं। वहीं, कई जगह AQI 550 से ऊपर होने के चलते धुंध छाई है और विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। 

बता दें कि एक्यूआई हवा में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। अगर एक्यूआई का स्तर अपने लेवल से ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि वहां की हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। 0-50 का एक्यूआई अच्छा माना जाता है, जबकि 400-500 के बीच होना लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों के लिए खतरनाक है। 

प्रदूषण से स्किन और दिल से जुड़ी बीमारियों होने का खतरा रहता है। इसके अलावा डायबिटीज, अल्जाइमर और लगातार सिरदर्द हो सकता है। AQI बढ़ने का असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी पड़ता है। दिल्ली में पिछले चार दिनों से हवा जहरीली बनी हुई है। 

दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है। उनके मुताबिक आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और खराब हो सकती है। साथ ही वैज्ञानिकों ने बारिश का कम होना प्रदूषण के बढ़ने की बड़ी वजह बताई। दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बताया कि 6-12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए भी ऑनलाइन क्लास करने पर विचार हो रहा है।

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