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Up Kiran, Digital Desk: इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के चलते वैश्विक अनिश्चितता का असर भारत के शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। बीते सप्ताह घरेलू बाजार में बिकवाली का माहौल हावी रहा, जिससे सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से 8 कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल मिलाकर ₹1,65,501.49 करोड़ की गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि इस गिरावट भरे सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इन्फोसिस जैसी प्रमुख आईटी कंपनियों ने अपने निवेशकों को राहत दी। इन दोनों कंपनियों के मार्केट कैप में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो कि टेक सेक्टर की वैश्विक निर्भरता और स्थिरता को दर्शाता है।
बड़ी कंपनियों को सबसे ज्यादा झटका
सेंसेक्स ने पिछले सप्ताह 1,070.39 अंक या 1.30% की गिरावट के साथ कारोबारी सप्ताह समाप्त किया। इस गिरावट की चपेट में एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक, एलआईसी, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे दिग्गज ब्रांड भी आए।
एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 47,075.97 करोड़ घटकर 14.68 लाख करोड़ रुपए रह गया। आईसीआईसीआई बैंक ने ₹30,677.44 करोड़ की गिरावट के साथ ₹10.10 लाख करोड़ का मूल्यांकन दर्ज किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो अब भी भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है, ने ₹21,516.63 करोड़ का नुक़सान सहा।
जब तमाम सेक्टर दबाव में दिखे, आईटी कंपनियों ने उम्मीद की एक किरण दिखाई। TCS का मार्केट कैप ₹22,215.06 करोड़ की बढ़त के साथ ₹12.47 लाख करोड़ पहुंचा। इन्फोसिस ने भी ₹15,578.3 करोड़ का इजाफा दर्ज किया और इसका मूल्यांकन ₹6.65 लाख करोड़ हो गया। इससे यह संकेत मिलता है कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षेत्र को निवेशक अब भी एक सुरक्षित ठिकाना मानते हैं।
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