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Up Kiran, Digital Desk: IPL 2025 के 52वें मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के हाथों सिर्फ़ 2 रनों से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन मैच के बाद सबकी निगाहें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर टिकी थीं—और उन्होंने एक बार फिर अपनी पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी की मिसाल पेश की।
"लक्ष्य हासिल ना कर पाने की जिम्मेदारी मैं लेता हूं," — ये शब्द थे उस खिलाड़ी के, जो भारतीय क्रिकेट में ‘कूल’ और ‘कंट्रोल’ के प्रतीक माने जाते हैं।
धोनी की खुद पर तीखी टिप्पणी
मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी ने खुलकर माना कि उन्हें और आक्रामक होकर बल्लेबाज़ी करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जब मैं क्रीज़ पर गया, तो रन और गेंद का अंतर ज़्यादा नहीं था, मुझे कुछ बड़े शॉट्स लगाने चाहिए थे जिससे दबाव कम होता, मगर मैं ऐसा नहीं कर पाया। हार की ज़िम्मेदारी मेरी है।
धोनी ने इस मुकाबले में 8 गेंदों पर 1 छक्के की मदद से 12 रन बनाए, लेकिन फिनिशर की भूमिका में वो वह धार नहीं ला सके जिसके लिए वह पहचाने जाते हैं।
शेफर्ड और म्हात्रे को दी दिल से तारीफ़
धोनी ने जीत में आरसीबी के हीरो रहे रोमारियो शेफर्ड और चेन्नई के उभरते सितारे आयुष म्हात्रे की खुले दिल से तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि शेफर्ड ने डेथ ओवर में अविश्वसनीय बल्लेबाज़ी की, वो हर गेंद पर हमला कर रहा था। वहीं म्हात्रे ने बहुत ही परिपक्वता से खेल दिखाया, यह उन मुकाबलों में से एक था जहां हमने बल्लेबाज़ी में अच्छा किया।
गेंदबाजों को मिली सटीक सलाह
धोनी की कप्तानी का एक अहम पहलू है उनका गेंदबाजों के साथ संवाद। इस मैच में भी उन्होंने गेंदबाज़ी की खामियों को बेझिझक उजागर किया, खासकर डेथ ओवर्स में यॉर्कर की कमी को: “हमें यॉर्कर डालने की काबिलियत पर और मेहनत करनी होगी। अगर यॉर्कर नहीं कर पा रहे, तो जैसा पथिराना करता है—शॉर्ट गेंदों से भी विविधता लाई जा सकती है।”
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