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BJP ने अभी यूपी की जिन 29 लोकसभा सीटों के लिए कैंडिडेट्स नहीं उतारे गए हैं, उनमें रायबरेली समेत दल की सात हारी सीटें भी शामिल हैं। शेष 22 सीटों में से दो उसके सहयोगी अपना दल (एस) के पास हैं जबकि बाकी 20 सीटें BJP के कब्जे में हैं।

बीजेपी ने यूपी से अपने 64 में से 44 सांसदों को फिर टिकट थमाया है। ऐसे में पार्टी के शेष बीस सांसदों की धड़कने बढ़ी है। बची हुई सीटों में से कुछ ऐसी हैं जिन पर मौजूदा सांसद की आयु 75 वर्ष के करीबन/अधिक होने या उनके विवादों में घिरे होने या फिर किसी उपयुक्त प्रत्याशी की तलाश के कारण अभी प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन जारी है।

इन सीटों पर नहीं घोषित किए गए कैंडिडेट्स

BJP ने पहली लिस्ट में जिन 29 सीटों के लिए कैंडिडेट्स घोषित नहीं किए हैं उनमें जिन 20 सीटों पर उसके सांसद हैं उनमें गाजियाबाद से विजय कुमार सिंह, मेरठ से राजेन्द्र अग्रवाल, पीलीभीत से फिरोज वरुण गांधी, बागपत से डॉ. सत्यपाल सिंह, कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह, हाथरस से राजवीर दिलेर, बदायूं से डॉ. संघमित्रा मौर्या, फिरोजाबाद डॉ. चन्द्र जादौन सेन, कानपुर के सत्यदेव पचौरी, भदोही से रमेश बिंद, सुलतानपुर से मेनका संजय गांधी, बरेली से संतोष गंगवार, अलीगढ़ से सतीश कुमार गौतम, मछलीशहर से भोला नाथ(बीपी सरोज), इलाहाबाद रीता बहुगुणा जोशी, कौशाम्बी से विनोद कुमार सोनकर, बहराइच से अक्षयवर लाल, फूलपुर से केसरी देवी पटेल, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी और बलिया से वीरेंद्र सिंह हैं।

अलग अलग वजहों से इनमें से कई सांसदों के टिकट कटना तय है। राबर्ट्सगंज व मीरजापुर लोकसभा सीट से एनडीए में शामिल अपना दल(एस) के सांसद हैं। बिजनौर, सहारनपुर, मुरादाबाद, मैनपुरी, रायबरेली, गाजीपुर और घोसी सीटों पर BJP बीते इलेक्शन में हार गई थी।

 

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