धर्म एवं संस्कृति डेस्क। भारत पर्वों का देश कहा जाता है। यहां पर हर माह या कहें कि हर दिन त्यौहार होता है। भीषण गर्मी वाले ज्येष्ठ माह में में भी कई पर्व पड़ते हैं। जेष्ठ माह में वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, अपरा एकादशी जैसे बड़े पर्व आते हैं। इन्हीं में से एक है गंगा दशहरा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार इसी दिन गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर आगमन हुआ था। गंगा को मां कहा जाता है। सनातन धर्म - परंपरा में इस तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी की विधि-विधान से अर्चना के साथ ही दान - पूण्य के कार्य कर गंगा स्नान किया जाता है।
धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा में डुबकी लगाने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मां गंगा को मोक्षदायिनी भी कहा गया है। लोक मान्यता के अनुसार कि गंगा नदी शिव जी की जटाओं से निकलती हैं, इसलिए इस दिन शिव जी की भी पूजा की जाती है।
इस वर्ष गंगा दशहरा 16 जून 2024 रविवार को पड़ रहा है। गंगा दशहरा पर सुबह 7 बजकर 8 मिनट से सुबह 10:37 तक शुभ मुहूर्त है। इस दिन स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त बेहद शुभ होता है। जहां पर गंगा नहीं हैं, वहां पर लोग दूसरी पवित्र नदियों या सरोवर में स्नान कर दान पुण्य करते हैं। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
गंगा दशहरा पर स्नान एवं पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। गंगा दशहरा पर मां गंगा के साथ ही भगवान शिव जी की पूजा करने का भी विधान है। इस दौरान गंगा स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। विधिपूर्वक स्नान एवं पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को दान करने से अक्षय सुख की प्राप्ति होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति को अथाह सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन गंगा स्नान करने से हिंसा, परस्त्री गमन, बिना दी हुई वस्तु को लेना, कठोर वाणी, दूसरे के धन को लेने का विचार, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलना, चुगली करना एवं दूसरों का अहित करना आदि 10 तरह के पापों का शमन हो जाता है।
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