Up Kiran, Digital Desk: छठ पूजा हिंदू धर्म का एक विशेष और अत्यंत पवित्र पर्व है, जिसे पूरे भारत, खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई क्षेत्रों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह चार दिनों तक चलता है और सूर्य देवता तथा छठी मइया की पूजा पर आधारित है। इस पर्व की शुरुआत "नहाय-खाय" से होती है, जो न केवल इस पर्व का प्रथम दिन होता है, बल्कि इसकी अहमियत बहुत अधिक होती है।
नहाय-खाय: अर्थ और महत्व
"नहाय-खाय" शब्द दो भागों से मिलकर बना है - 'नहाय' का अर्थ है स्नान करना और 'खाय' का मतलब है भोजन करना। इस दिन का मुख्य उद्देश्य व्रति को शुद्ध करना होता है ताकि वे शुद्धता की ओर कदम बढ़ा सकें। यह दिन उनके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें वे अपने शरीर, मन और घर की सफाई करते हैं। इस दिन से व्रति तप, संयम और आस्था के पथ पर चलने का संकल्प लेते हैं। वर्ष 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर, शनिवार को नहाय-खाय से होगी, और इस दिन से व्रति चार दिन के इस पवित्र पर्व की शुरुआत करते हैं।
नहाय-खाय में क्या करें? (Do's on Nahay Khay)
प्रभात में उठकर स्नान करें: नहाय-खाय के दिन सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र जलाशय में स्नान करना विशेष लाभकारी माना जाता है। अगर यह संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
घर की सफाई करें: व्रति को अपने घर की गहराई से सफाई करनी चाहिए। यह शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
सात्विक भोजन तैयार करें: इस दिन सिर्फ सात्विक और शुद्ध भोजन ही पकाया जाता है। व्रति अपने हाथों से भोजन तैयार करती हैं और पूरे दिन सिर्फ एक बार भोजन करती हैं।
सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें: नहाय-खाय के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित कर छठ पूजा का संकल्प लिया जाता है।
स्वच्छता का ध्यान रखें: पूजा की सभी सामग्री और प्रसाद बनाने के बर्तन पूरी तरह से साफ और शुद्ध होने चाहिए।
दान और सेवा का महत्व: नहाय-खाय के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को चावल, दूध, फल या पीले वस्त्र दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
नहाय-खाय में क्या न करें? (Don'ts on Nahay Khay)
तामसिक भोजन से बचें: इस दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडे और शराब से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
बाजार का भोजन न खाएं: व्रति को बाजार से खरीदी गई तली-भुनी चीजों से दूर रहना चाहिए।
मानसिक शांति बनाए रखें: गुस्सा, झगड़ा या नकारात्मक विचारों से बचें। इस दिन मानसिक शांति बहुत आवश्यक है।
स्नान से पहले कुछ न खाएं: नहाय-खाय के दिन स्नान करने से पहले किसी भी वस्तु को छूना या भोजन करना व्रति की शुद्धता को भंग कर सकता है।
साधारण नमक का प्रयोग न करें: इस दिन केवल सेंधा नमक का उपयोग करना शुभ होता है, जबकि सामान्य नमक का प्रयोग वर्जित होता है।
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