
Up Kiran , Digital Desk:ओवरी यानी अंडाशय, महिलाओं के शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। इसका स्वस्थ रहना न केवल उनकी प्रजनन क्षमता के लिए बल्कि उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए भी बेहद आवश्यक है। लेकिन आजकल की बदलती जीवनशैली और कुछ हानिकारक आदतों के कारण महिलाओं में ओवरी से जुड़ी समस्याएं, खासकर ओवरी कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसी खतरे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 8 मई को 'वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे' मनाया जाता है। ओवरी कैंसर के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें उम्र, पारिवारिक इतिहास, जेनेटिक बदलाव और जीवनशैली प्रमुख हैं।
इन सभी कारकों के बीच, धूम्रपान एक ऐसी गंदी आदत है जो महिलाओं की ओवरी के लिए किसी 'साइलेंट किलर' से कम नहीं है। धूम्रपान और अन्य जहरीले तत्वों (टॉक्सिक एलिमेंट्स) के संपर्क में आना ओवरी के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है, जिससे बांझपन, ओवेरियन कैंसर और कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती हैं। आर्टेमिस अस्पताल की वरिष्ठ सलाहकार - गायनी ऑन्कोलॉजी, डॉ. अमिता नैथानी बता रही हैं कि धूम्रपान किस तरह ओवरी की सेहत को नुकसान पहुंचाता है और इससे बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
धूम्रपान का ओवरी पर सीधा और घातक प्रभाव:
डॉ. नैथानी के अनुसार, धूम्रपान का ओवरी के स्वास्थ्य पर सीधा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कोशिकाओं को नुकसान: सिगरेट में पाए जाने वाले हजारों जहरीले रसायन ओवरी की कोशिकाओं (ओवरियन सेल्स) को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
बांझपन और कैंसर का बढ़ता खतरा: धूम्रपान करने वाली महिलाओं में बांझपन (Infertility) और ओवेरियन कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में काफी अधिक होता है जो धूम्रपान नहीं करतीं।
रक्त प्रवाह में बाधा: धूम्रपान ओवरी की रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे ओवरियन सेल्स तक ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
अन्य विषाक्त पदार्थ भी हैं खतरनाक:
सिर्फ धूम्रपान ही नहीं, बल्कि अन्य प्रकार के विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिंस के संपर्क में आना भी ओवरी की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
हानिकारक रसायन: कीटनाशक (पेस्टिसाइड्स), भारी धातु (हेवी मेटल्स) और औद्योगिक रसायन (इंडस्ट्रियल केमिकल्स) जैसे विषाक्त पदार्थ ओवरी की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जेनेटिक बदलाव का खतरा: इन विषाक्त पदार्थों के लगातार संपर्क में आने से ओवरी की कोशिकाओं में जेनेटिक बदलाव हो सकते हैं, जिससे कैंसर विकसित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
बचाव में ही छिपा है स्वास्थ्य का खजाना:
अच्छी खबर यह है कि धूम्रपान छोड़ने और विषाक्त पदार्थों के संपर्क से बचने से ओवरी के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार किया जा सकता है।
कम होता है बीमारियों का खतरा: इससे न केवल बांझपन और ओवेरियन कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य में भी उल्लेखनीय सुधार होता है।
अन्य स्वास्थ्य लाभ: धूम्रपान छोड़ने से हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
बचाव के लिए अपनाएं ये कारगर तरीके:
धूम्रपान छोड़ने के उपाय:
निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT): यह थेरेपी धूम्रपान छोड़ने में मदद कर सकती है। इसमें निकोटीन के सुरक्षित विकल्प (जैसे पैच, गम) का उपयोग करके सिगरेट पीने की इच्छा को धीरे-धीरे कम किया जाता है।
दवाएं और परामर्श: कुछ दवाएं और उचित मनोवैज्ञानिक परामर्श भी धूम्रपान छोड़ने की प्रक्रिया में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
विषाक्त पदार्थों से बचाव:
सुरक्षित कार्यप्रणाली: यदि आप ऐसे कार्यस्थल पर काम करती हैं जहाँ विषाक्त पदार्थों का उपयोग होता है, तो सुरक्षित प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करें।
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण: व्यक्तिगत सुरक्षा के जरूरी उपकरणों (जैसे मास्क, ग्लव्स) का इस्तेमाल करें।
स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन जैसी स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर भी आप विषाक्त पदार्थों के हानिकारक प्रभावों को कम कर सकती हैं।
महिलाओं को अपनी ओवरी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। धूम्रपान जैसी हानिकारक आदतों को त्यागकर और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर वे न केवल अपनी प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रख सकती हैं, बल्कि ओवेरियन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी काफी हद तक कम कर सकती हैं।
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