Up kiran,Digital Desk : केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक ऋण धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने कपड़ा कंपनी एस. कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड और उसके पूर्व सीएमडी नितिन कासलीवाल के खिलाफ कदम उठाते हुए लंदन में बकिंघम पैलेस के पास 150 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति कुर्क कर दी है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई।
धोखाधड़ी का मामला
नितिन कासलीवाल पर भारतीय बैंकों से 1,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
जांच में सामने आया कि कंपनी ने बैंकों से लिए गए ऋण को विदेशी निवेश के बहाने भारत से बाहर भेजा।
ED के अनुसार, कासलीवाल ने फंड को डाइवर्ट किया और ट्रस्ट और शेल कंपनियों के जटिल नेटवर्क के जरिए संपत्तियों को छुपाया।
विदेशी ट्रस्ट और शेल कंपनियों का नेटवर्क
जांच में पाया गया कि कासलीवाल ने संपत्तियों को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI), जर्सी और स्विट्जरलैंड में ट्रस्ट और कंपनियों के जरिए छिपाया।
एजेंसी ने 23 दिसंबर को छापेमारी कर दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए, जिससे इस जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ।
संपत्ति का स्वामित्व कासलीवाल और उनके परिवार के लाभार्थियों के नाम पर था।
ED की कार्रवाई का महत्व
यह कार्रवाई बैंक ऋण धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ ठोस संदेश देती है।
विदेशी संपत्ति कुर्क करने का कदम भारत से बाहर निवेश छुपाने वाले मामलों में अग्रणी उदाहरण माना जा रहा है।
ED की सक्रियता से भविष्य में ऐसे जालों को रोकने और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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