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Up Kiran, Digital Desk: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की। यह छापेमारी राज्य में कथित शराब घोटाले की जांच के तहत की गई, जिसमें करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है।

भिलाई में हुई छापेमारी

ईडी की टीम सुबह करीब 6 बजे, CRPF जवानों की बड़ी टुकड़ी के साथ, तीन वाहनों में बघेल के भिलाई-3 स्थित आवास पर पहुँची और तलाशी अभियान शुरू किया। यह जांच छत्तीसगढ़ के शराब वितरण नेटवर्क में धन शोधन और भ्रष्टाचार के मामलों पर चल रही एक व्यापक जांच का हिस्सा है।

ईडी की पहले की छापेमारी

यह पहली बार नहीं था जब ईडी ने बघेल परिवार से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। मार्च 2025 में, एजेंसी ने दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापे मारे थे, जिसमें चैतन्य बघेल का घर और लक्ष्मी नारायण बंसल (पप्पू बंसल) से जुड़ी संपत्तियाँ भी शामिल थीं। उस कार्रवाई में नकदी ज़ब्त की गई और नोट गिनने वाली मशीन का इस्तेमाल किया गया था।

भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया

इस ताज़ा छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भूपेश बघेल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया और लिखा, "ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है, और आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाने वाले थे। साहब ने मेरे भिलाई स्थित आवास पर ईडी भेज दी है।"

भूपेश बघेल की टिप्पणी से यह संकेत मिलता है कि छापे की समय-सीमा राजनीतिक उद्देश्य से जुड़ी हो सकती है।

शराब घोटाले का सरकारी खजाने पर प्रभाव

ईडी का दावा है कि इस शराब घोटाले के कारण 2019 से 2022 तक छत्तीसगढ़ सरकार को 2,161 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इस घोटाले के कथित लाभ को व्यापारियों, ठेकेदारों और उच्च सरकारी अधिकारियों के नेटवर्क द्वारा लूटा गया।

मुख्य संदिग्ध और राजनीतिक संबंध

ईडी के निष्कर्षों के अनुसार, इस घोटाले में कई प्रमुख राजनीतिक और कारोबारी व्यक्ति शामिल थे, जिनमें प्रमुख रूप से अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, और अन्य राजनीतिक रूप से जुड़े लोग थे।

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