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पटना (बिहार) — चुनाव आयोग की विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया के तहत 25 जून से चलाए जा रहे घर-घर सत्यापन अभियान में राज्यभर के बूथ‑लेवल अधिकारियों (BLO) ने नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों को पहचान लिया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इन्हें अंतिम वोटर सूची में शामिल नहीं किया जाएगा ।

 कैसे पता चलता है पहचान?

BLOs घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं, जिसके दौरान जन्मस्थान की जानकारी ली जाती है  ।

संदिग्ध लोगों से आधार, राशन कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज माँगे जा रहे हैं। इनमें कुछ ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं  ।

1 अगस्त से 30 अगस्त तक इन केसों की विशेष जांच की जाएगी। फिर फाइनल सूचि 30 सितंबर को जारी होगी, जिसमें विदेशी नागरिकों का नाम नहीं होगा  ।


राजनीतिक विवाद

RJD नेता तेजस्वी यादव ने यह दावा "रद्दी सूचनाओं" पर आधारित बताते हुए चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया।

भाजपा ने इस कदम का समर्थन करते हुए विपक्ष और RJD पर विरोधी वोट बैंक बचाने के लिए "गैरकानूनी मतदाताओं" को छिपाने का आरोप लगाया।


 चुनाव आयोग की भूमिका और राष्ट्रीय प्रासंगिकता

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई सिर्फ बिहार में नहीं बल्कि पूरे देश में संदिग्ध विदेशी नागरिकों को मतदाता सूची से हटाने की एक व्यापक मुहिम का हिस्सा है  । इससे मतदाता सूची की पारदर्शिता और नागरिकता की पहचान मजबूत होगी।

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