img

Up kiran,Digital Desk : मेवाड़ के राजा और भक्तों के बिजनेस पार्टनर माने जाने वाले श्री सांवलिया सेठ ने इस बार तो सच में कमाल कर दिया है। चित्तौड़गढ़ स्थित इस प्रसिद्ध कृष्ण धाम में दान-पात्र खुलने पर जो नजारा दिखा, उसने अब तक के सारे इतिहास बदल दिए हैं। नोटों का पहाड़ इतना बड़ा था कि उसे गिनने में कई दिन लग गए।

भक्तों ने अपने आराध्य पर इतना प्यार लुटाया कि चढ़ावे का कुल आंकड़ा 51 करोड़ रुपये के पार पहुँच गया है। जी हां, आपने सही पढ़ा—51 करोड़ रुपये!

नोटों की गिनती: 6 राउंड और 40 करोड़ कैश

मंदिर प्रशासन को नोट गिनने के लिए पसीना बहाना पड़ा। यह प्रक्रिया एक-दो दिन नहीं, बल्कि कई चरणों में पूरी हुई। अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम ने बताया कि गिनती कुल 6 चरणों (Rounds) में खत्म हुई।

  • सिर्फ मंदिर के दान-पात्र (भंडार) से जो नकदी निकली, वही 40 करोड़ 74 लाख से ज्यादा थी।
  • गिनती की शुरुआत 19 नवंबर को हुई थी। पहले चरण में ही 12 करोड़ निकल आए थे, और आखिरी राउंड तक आते-आते यह 40 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार कर गया।

ऑनलाइन भी दिल खोलकर दान

सिर्फ नकदी ही नहीं, भक्तों ने डिजिटल तरीके से भी खूब दान दिया। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, मनीऑर्डर और भेंट कक्ष (Office) में जमा कराई गई राशि मिलाकर करीब 10 करोड़ 52 लाख रुपये मिले हैं। यानी अगर कैश और ऑनलाइन दोनों को मिला दें, तो कुल चढ़ावा 51 करोड़ 27 लाख 30 हजार 112 रुपये का नया ऑल टाइम रिकॉर्ड बना है। यह चढ़ावा पिछले दो महीनों का है।

क्विंटलों में चांदी और किलो में सोन

  • चांदी: करीब 2 क्विंटल (207 किलो) चांदी निकली है। इसमें से 86 किलो दानपात्र से और 121 किलो भेंट कक्ष से मिली।
  • सोना: करीब 1 किलो 200 ग्राम सोना भी प्रभु के चरणों में अर्पित किया गया है।

कहा जाता है कि जो भी भक्त सांवलिया सेठ को अपने व्यापार में साझेदार (Partner) बनाता है, उसकी तिजोरी कभी खाली नहीं होती। यह रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावा उसी अटूट आस्था का सबूत है।