Up Kiran, Digital Desk: लाल किले के पास हुए कार बम धमाके ने पूरी दिल्ली को हिलाकर रख दिया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, यानी UAPA और विस्फोटक अधिनियम की सख्त धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है। UAPA के तहत मामला दर्ज होने का मतलब है कि जांच एजेंसियां इसे एक बड़ी आतंकी साजिश मानकर चल रही हैं।
सोमवार शाम को हुए इस धमाके के बाद से ही दिल्ली पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां एक्शन मोड में हैं। FIR दर्ज करने के तुरंत बाद, दिल्ली पुलिस ने शहर में कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है। पुलिस की अलग-अलग टीमें संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और धमाके से जुड़े सुराग तलाश रही हैं।
क्या होता है UAPA एक्ट?
UAPA एक बहुत ही सख्त कानून है, जिसे खास तौर पर आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत, एजेंसियों को जांच के लिए ज़्यादा अधिकार मिल जाते हैं और आरोपियों के लिए जमानत लेना भी बेहद मुश्किल होता है। इस मामले में UAPA का लगना यह दिखाता है कि सुरक्षा एजेंसियां इस हमले को देश की सुरक्षा पर एक सीधा प्रहार मान रही हैं।
फरीदाबाद कनेक्शन की जांच तेज
जांच का एक बड़ा हिस्सा फरीदाबाद में भंडाफोड़ हुए आतंकी मॉड्यूल पर केंद्रित है। धमाके से कुछ घंटे पहले ही वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने का सामान मिला था। स्पेशल सेल इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि लाल किले के पास धमाके में इस्तेमाल हुई कार और विस्फोटक का इस मॉड्यूल से क्या कनेक्शन है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। छापेमारी की यह कार्रवाई अभी जारी है और आने वाले समय में कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। पूरी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह जांच अब सिर्फ एक धमाके की जांच नहीं रही, बल्कि देश की राजधानी में फैले एक बड़े आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की कोशिश बन गई है।

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