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Up Kiran, Digital Desk: कहते हैं, लालच इंसान की सोचने-समझने की ताकत छीन लेता है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की गरिमा को तार-तार कर दिया। एक युवक ने सिर्फ 25 लाख रुपये के मुआवजे के लिए अपने जीवित पिता को मृत घोषित कर दिया। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह रही कि उसने बाकायदा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर गांव में ढोल-नगाड़े बजवाए, पोस्टर लगवाए और रोटियां तक बंटवाईं मानो सचमुच कोई अंतिम विदाई दी जा रही हो।
गांव में हुआ 'श्रद्धांजलि' का आयोजन, बेटा खुद नाचा
घटना फरीदाबाद के पन्हेड़ा कलां गांव की है। 3 अगस्त को पूरे गांव में यह बात फैल गई कि 79 वर्षीय लालचंद उर्फ लूला का निधन महाकुंभ में भगदड़ के दौरान हो गया। उनके बेटे राजेंद्र ने गांव में 50 से अधिक पोस्टर लगवाकर अपने पिता की मृत्यु की सूचना फैला दी। गांव के मंदिरों में भंडारे कराए गए, रोटियां बंटी और शोक यात्रा निकाली गई। हैरत की बात तो यह रही कि इसी सभा में राजेंद्र खुद नाचता नजर आया।
बेटे ने गढ़ी कहानी, कहा- पिता संपर्क में नहीं थे
राजेंद्र का कहना था कि उनके पिता करीब 9 महीने पहले गोवर्धन परिक्रमा पर निकले थे और फिर बनारस होते हुए महाकुंभ चले गए। भगदड़ की खबर के बाद से उनका कोई अता-पता नहीं चला। जब काफी प्रयासों के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली, तो गांववालों के सुझाव पर उन्होंने श्रद्धांजलि समारोह कर डाला।
लेकिन फिर हुआ पर्दाफाश
हकीकत इससे बिल्कुल उलट थी। लालचंद ना सिर्फ जीवित थे, बल्कि उत्तर प्रदेश के कोसीकलां में अपने भाई के साथ रह रहे थे। जब उनके एक रिश्तेदार ने सोशल मीडिया पर उनकी 'श्रद्धांजलि सभा' का वीडियो देखा, तो वह हैरान रह गया और तुरंत लालचंद को इसकी जानकारी दी। फिर क्या था लालचंद ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड करके गांव के सरपंच को भेजा और स्वयं गांव पहुंचकर पूरे मामले को उजागर किया।
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