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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मोटापा कम करने में कारगर मानी जाने वाली दवा ओज़ेम्पिक के नकली संस्करणों के बारे में चेतावनी जारी की है। इस दवा का इस्तेमाल मुख्य रूप से टाइप-2 डायबिटीज़ के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन वज़न कम करने में इसकी प्रभावशीलता के कारण इसे 'स्किनी जैब' के नाम से भी जाना जाता है।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ये नकली दवाइयां लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं। डब्ल्यूएचओ ने लोगों को सलाह दी है कि वे ये दवाइयां किसी प्रतिष्ठित स्रोत (जैसे डॉक्टर) से ही लें।

WHO का यह भी कहना है कि ये नकली दवाइयां लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं। WHO ने लोगों को सलाह दी है कि वे ये दवाइयां केवल प्रतिष्ठित स्रोतों (जैसे डॉक्टर) से ही लें, न कि किसी अनजान ऑनलाइन साइट या सोशल मीडिया के ज़रिए।

ओज़ेम्पिक का मुख्य घटक सेमाग्लूटाइड है, जो टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को उनके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालाँकि, यह इंजेक्शन मस्तिष्क को यह संकेत भी देता है कि हमारा पेट भर गया है। इसलिए, यह दवा खाने की इच्छा को कम करके वज़न कम करने में भी सहायक है। टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित न होने के बावजूद, कुछ लोग इस दवा का इस्तेमाल सिर्फ़ वज़न घटाने के लिए कर रहे हैं। इसकी वजह से टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों के लिए दवा की कमी हो रही है और नकली दवाओं का बाज़ार भी खड़ा हो गया है।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह 2022 से दुनियाभर में नकली ओजेम्पिक के बढ़ते मामलों पर नजर रख रहा है। अब तक ब्रिटेन, अमेरिका और ब्राजील में नकली दवाओं का स्टॉक जब्त किया जा चुका है।

स्वास्थ्य को खतरा

डब्ल्यूएचओ के आवश्यक दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों के सहायक महानिदेशक डॉ. युकिको नाकातानी का कहना है कि हम स्वास्थ्य पेशेवरों, नियामक अधिकारियों और आम जनता को इन नकली दवाओं के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हैं। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कुछ नकली इंजेक्शन में सेमाग्लूटाइड बिल्कुल भी नहीं हो सकता है या उनमें इंसुलिन जैसी अन्य दवाएं हो सकती हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती हैं।

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