
Up Kiran, Digital Desk: देश के अन्नदाताओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' (पीएम-किसान) योजना लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में, मध्य प्रदेश के दमोह जिले में इस योजना ने अद्भुत परिणाम दिखाए हैं, जहाँ लगभग 2 लाख किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिला है। यह किसानों की वित्तीय स्थिरता और कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
पीएम-किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार हर साल योग्य किसान परिवारों को 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजती है। यह राशि 2,000-2,000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में दी जाती है। इस सीधी नकद सहायता का उद्देश्य किसानों को उनकी छोटी-मोटी ज़रूरतों को पूरा करने, बीज, खाद और अन्य कृषि उपकरण खरीदने में मदद करना है, जिससे वे कर्ज के बोझ से बच सकें और अपनी खेती को बेहतर बना सकें।
दमोह जिले में इस योजना का व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। स्थानीय कृषि अधिकारियों और प्रशासन के प्रयासों से, बड़ी संख्या में किसानों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है और नियमित रूप से इसका लाभ उठा रहे हैं। यह राशि किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर उभरी है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए, जिन्हें अक्सर बुवाई से पहले और कटाई के बाद वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इस योजना से न केवल किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी है, बल्कि उन्हें अपनी कृषि संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में भी मदद मिली है। यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह किसानों के कल्याण और आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर गंभीर है। पीएम-किसान जैसी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान कर रही हैं और देश के कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दे रही हैं। दमोह के इन 2 लाख किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान, इस योजना की सफलता की कहानी खुद बयां कर रही है।
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