
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अखरी गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मंगलवार की सुबह एक मामूली विवाद के बाद तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मरने वालों में एक किसान नेता भी शामिल है। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई है और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
विवाद की शुरुआत एक मामूली बात से
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, घटना की शुरुआत ट्रैक्टर और बाइक के रास्ता न देने को लेकर हुई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते गोलियां चल गईं और तीन लोगों की जान चली गई। मृतकों में किसान नेता पप्पू सिंह भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पप्पू सिंह की मां रामदुलारी सिंह वर्तमान में गांव की प्रधान हैं।
घटना सुबह-सुबह हुई, जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई। सरेआम इस प्रकार की हत्या ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने इसे पूर्व नियोजित हमला बताया है।
ग्रामीणों का आक्रोश, हंगामा और सड़क जाम
घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की। उनकी मांग है कि जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे शव नहीं उठने देंगे। भीड़ ने मौके पर एनकाउंटर की मांग भी उठाई है। स्थिति को देखते हुए जिले भर से पुलिस बल और पीएसी की तैनाती कर दी गई है।
मौके पर खुद पुलिस अधीक्षक (एसपी) पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। एसपी ने कई थानों की फोर्स को बुलाकर गांव में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। भीड़ को शांत कराने के लिए वरिष्ठ अधिकारी लगातार संवाद कर रहे हैं।
किसान संगठनों की भी सक्रियता
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रदेश उपाध्यक्ष और अन्य किसान नेता भी गांव पहुंच गए हैं। जिले के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में किसान अखरी गांव पहुंच रहे हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन को स्थिति नियंत्रण में बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है।
पूर्व प्रधान पर लगे आरोप
ग्रामीणों ने इस हमले के पीछे गांव के पूर्व प्रधान मुन्नू सिंह और उनके करीबी लोगों का नाम लिया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी के खिलाफ आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज नहीं की है और मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और चश्मदीदों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभी भी बनी हुई है तनावपूर्ण स्थिति
गांव में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद माहौल पूरी तरह शांत नहीं हो पाया है। प्रशासन ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक स्थिति सामान्य होने की संभावना कम दिख रही है।