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Up kiran,Digital Desk : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर आई है, जिसे सुनकर आपका दिल कांप जाएगा। यहां दूसरों की जान बचाने के लिए दौड़ पड़े चार लोगों को खुद मौत ने अपनी आगोश में ले लिया। यह भयावह हादसा रविवार देर रात बेगूं इलाके में हुआ, जहां एक के बाद एक तीन गाड़ियों की टक्कर ने चार परिवारों के चिराग बुझा दिए।

एक चीख सुनी... और मदद को दौड़ पड़े

पूरी कहानी शुरू हुई एक मोटरसाइकिल से। शंभूलाल और काली बाई नाम के पति-पत्नी अपनी बाइक से जा रहे थे, तभी एक अनजान गाड़ी उन्हें टक्कर मारकर फरार हो गई। दोनों सड़क पर गिरकर तड़पने लगे।

उनकी चीख-पुकार पास के एक ढाबे पर बैठे कुछ लोगों ने सुनी। इंसानियत के नाते, हेमराज गुर्जर, राजेश मीणा, फोरूलाल गुर्जर और सोनू गुर्जर नाम के चार लोग फौरन उनकी मदद के लिए दौड़े। वे घायल पति-पत्नी को संभालने और सड़क के किनारे लाने की कोशिश कर रहे थे।

मददगारों को ही रौंद गई मौत

उन्हें क्या पता था कि मौत एक तेज रफ्तार मिनीवैन की शक्ल में उनकी तरफ ही बढ़ रही है। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, एक तेज रफ्तार मिनीवैन ने मदद कर रहे इन चारों लोगों को बेरहमी से रौंद दिया।

हादसा यहीं नहीं थमा। इसके ठीक बाद पीछे से आ रही एक और कार उस मिनीवैन से टकरा गई, जिससे मिनीवैन पलट गई और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।

बच गई जान... पर चली गई मददगारों की जिंदगी

इस भयानक हादसे में मदद करने वाले हेमराज और राजेश ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि फोरूलाल और सोनू की अस्पताल में मौत हो गई। जिनकी जान बचाने ये चारों गए थे, वो दंपती तो घायल है और उनका इलाज चल रहा है, लेकिन इन चार मददगारों की अपनी जान चली गई। हादसे में मिनीवैन में सवार लोगों समेत कुल 7 लोग घायल हुए हैं।

पुलिस अब टक्कर मारने वाले वाहनों की पहचान करने में जुटी है। लेकिन इस हादसे ने पीछे कई सवाल छोड़ दिए हैं। क्या हाईवे पर तेज रफ्तार और लापरवाही किसी की मदद करने की हिम्मत को भी खत्म कर देगी?