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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक मछुआरे की पाकिस्तान की जेल में रहस्यमयी हालात में मौत हो गई है। मृतक की पहचान घुरहू बिंद के रूप में हुई है, जो 48 वर्ष के थे। पाकिस्तान सरकार ने उनका शव भारत को सौंप दिया है, जिसे वाघा बॉर्डर पर रिसीव किया गया। संभावना है कि शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर जौनपुर स्थित उनके गांव बसिरहा पहुंचाया जाएगा।

कैसे हुई थी गिरफ्तारी?

घटना की शुरुआत साल 2020 में हुई थी जब घुरहू बिंद और उनके गांव के तीन अन्य साथी गुजरात के ओखा तट के पास मछली पकड़ रहे थे। इस दौरान वे गलती से पाकिस्तान की समुद्री सीमा में प्रवेश कर गए। इसपर पाकिस्तान की तटरक्षक बल ने उन्हें हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें पाकिस्तान की जेल में भेज दिया गया। तब से वे वहां बंद थे, लेकिन अब उनकी मौत की खबर सामने आई है।

जेल में मौत, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं

घुरहू बिंद की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या यह मौत स्वाभाविक थी, या इसके पीछे कोई संदिग्ध गतिविधि है। चूंकि यह मामला दो देशों के बीच है, इसलिए भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से भी इस पर प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा की जा रही है।

प्रशासनिक तैयारी और अंतिम संस्कार

घटना के बाद जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने जानकारी दी है कि शव को वाघा बॉर्डर से प्राप्त कर लिया गया है और उसे जौनपुर लाया जा रहा है। वहीं, मछलीशहर के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि वे मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी सुनिश्चित करें, ताकि परिवार को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

परिवार की हालत दयनीय, प्रशासन ने की मदद की पहल

मृतक घुरहू बिंद का परिवार बेहद गरीब है। जिलाधिकारी के अनुसार, प्रशासन ने उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सर्वे कराया है और सरकारी योजनाओं का लाभ देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। इसमें मुख्यमंत्री आवास योजना, विधवा पेंशन और अन्य योजनाएं शामिल हैं।

बसिरहा गांव के ग्राम प्रधान मृत्युंजय बिंद ने बताया कि मृतक की पत्नी दिहाड़ी मजदूरी कर घर चलाती हैं। परिवार में चार बेटियां और दो बेटे हैं। इनमें से तीन बेटियों की शादी हो चुकी है, लेकिन घर की जिम्मेदारियां अब भी भारी हैं।

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