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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ के चलते कहर बरप रहा है। भारी वर्षा और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण शारदा, राप्ती, सरयू, गंडक, गंगा और रामगंगा आदि नदियां उफन पर हैं। इसके चलते अवध, पूर्वांचल और तराई के जिलों श्रावस्ती, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर पीलीभीत और लखीमपुर खीरी के कई गांव जलमग्न हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों से 15 लोगों की मौत की भी सूचना है। प्रदेश सरकार ने बचाव व राहत कार्य के लिए पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों को को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दिया है। राष्ट्रीय लोक दल ने केंद्र व प्रदेश सरकार से बाढ़ की समस्या से स्थाई निजात पाने के लिए राष्ट्रीय बाढ़ एवं वाटर मैंजमेंट नीति बनाने की मांग की है।

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव विजय श्रीवास्तव ने रविवार को जारी अपने एक बयान  मे कहा कि अयोध्या, अम्बेडकर  नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बलिया और बनारस में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुक्सान फसलों, मवेशियों और किसानों की होती है। विजय श्रीवास्तव ने कहा कि अवध, पूर्वांचल और तराई क्षेत्र में हर साल बाढ़ एक़  प्राकृतिक आपदा बनकर आती है।

आरएलडी सचिव ने कहा कि हर साल बाढ़ आने से गांवों का समग्र विकास नहीं हो पा रहा है। इसलिए इसका स्थाई समाधान करना होगा। विजय श्रीवास्तव ने योगी सरकार द्वारा बाढ़ आपदा से से निपटने एवं तत्काल राहत पहुंचाने के लिए तत्काल उठाये गए कदम का स्वागत किया है। श्रीवास्तव ने सरकार से बाढ़ प्रभावित इलाकों में और अधिक राहत सामग्री व दवाएं और चिकित्सकों की टीम भेजने की मांग की है। 

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