_1657797152.jpg)
Up Kiran, Digital Desk: सावन का पवित्र महीना भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व रखता है, और इसी महीने में आने वाली हरियाली तीज का त्योहार विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याओं के लिए मनचाहा वर पाने का शुभ अवसर होता है। 2025 में हरियाली तीज [तारीख, यदि उपलब्ध हो, अन्यथा सामान्य] को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है, और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति की राशि का अपना स्वभाव और उससे जुड़ी ऊर्जा होती है। जब हम अपनी राशि के अनुकूल कार्य करते हैं, तो हमें ब्रह्मांडीय ऊर्जा का अधिक लाभ मिलता है। हरियाली तीज के इस शुभ अवसर पर, अपनी राशि के अनुसार कुछ विशेष उपाय करके आप भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं।
हरियाली तीज का महत्व:
हरियाली तीज मुख्य रूप से श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना से यह व्रत करती हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और झूला झूलती हैं।
राशि अनुसार करें ये विशेष उपाय
प्रत्येक राशि के लिए विशिष्ट उपाय आपके व्यक्तिगत कुंडली और विशेषज्ञ ज्योतिष सलाह पर आधारित होंगे, लेकिन हरियाली तीज पर अपनी राशि के अनुसार कुछ सामान्य चीजों पर ध्यान देकर आप शुभता बढ़ा सकते हैं:
अपनी राशि के अनुकूल रंग: हर राशि का अपना शुभ रंग होता है। हरियाली तीज पर हरे रंग के साथ-साथ अपनी राशि के स्वामी ग्रह से संबंधित शुभ रंग (जैसे मेष के लिए लाल, वृषभ के लिए सफेद/गुलाबी, मिथुन के लिए हरा, आदि) के वस्त्र या चूड़ियाँ पहनना लाभकारी हो सकता है।
राशि अनुसार विशेष फूल या बेलपत्र: शिव और पार्वती की पूजा करते समय अपनी राशि के स्वामी ग्रह से संबंधित फूल या बेलपत्र (यदि लागू हो) अर्पित करें। जैसे, कुछ राशियों के लिए धतूरा, आक के फूल या विशेष प्रकार के बेलपत्र शुभ माने जाते हैं।
शिव मंत्रों का जाप: भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, विशेषकर 'ओम नमः शिवाय' या 'महामृत्युंजय मंत्र' का। आप अपनी राशि के स्वामी ग्रह के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
दान: अपनी राशि के अनुसार किसी विशेष वस्तु का दान करना भी शुभ माना जाता है। यह दान किसी जरूरतमंद को या मंदिर में किया जा सकता है।
विशेष भोग: माता पार्वती को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे श्रृंगार सामग्री, और शिव जी को बेलपत्र, भांग, धतूरा अर्पित करें। अपनी राशि के अनुसार आप विशेष मिठाई या फल का भोग भी लगा सकते हैं।
सामान्य तीज उपाय:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें।
शिव-पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पूरे विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा करें, जिसमें बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, फल, मिठाई और सोलह श्रृंगार की सामग्री शामिल हो।
टीज कथा सुनें या पढ़ें।
शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें
अगले दिन सुबह व्रत का पारण करें।
--Advertisement--