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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ समाचारों में हैदराबाद-भूपलपल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-163) के किनारे लगे पेड़ों की कटाई को लेकर चिंता जताई जा रही थी. इस मामले पर अब तेलंगाना वन विभाग ने सामने आकर पूरी स्थिति साफ की है और बताया है कि इन पेड़ों को क्यों हटाया जा रहा है और इसके बदले में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

क्यों काटे जा रहे हैं ये पेड़: वन विभाग ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि इन पेड़ों की कटाई का कारण NH-163 का विस्तार है. इस हाईवे को यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए दो-लेन से बढ़ाकर चार-लेन का बनाया जा रहा है. यह काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा किया जा रहा है और इसके लिए केंद्र सरकार से सभी ज़रूरी अनुमतियाँ ली जा चुकी हैं. इस विस्तार कार्य के रास्ते में आने वाले 2,137 पेड़ों को हटाना मज़बूरी है.

लेकिन एक पेड़ के बदले लगेंगे पांच पौधे

वन विभाग ने लोगों को यह आश्वासन दिया है कि काटे गए हर एक पेड़ की भरपाई की जाएगी, बल्कि उससे कई गुना ज़्यादा पेड़ लगाए जाएंगे. यह विभाग की नीति का हिस्सा है.

क्या है योजना? NHAI द्वारा काटे गए 2,137 पेड़ों के बदले में 10,000 से भी ज़्यादा नए पौधे लगाए जाएंगे.

कहाँ लगेंगे ये पौधे? ये पौधे उसी हाईवे के किनारे और आस-पास के खाली इलाकों में लगाए जाएंगे.

कौन करेगा देखभाल? इन नए पौधों की अगले पांच सालों तक पूरी देखभाल की जाएगी, ताकि वे पेड़ बन सकें.

यह पूरी प्रक्रिया राज्य के प्रसिद्ध वृक्षारोपण कार्यक्रम 'तेलंगाना कु हरिता हारम' के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य के हरित क्षेत्र को बढ़ाना है.

वन विभाग ने साफ किया है कि वे विकास के महत्व को समझते हैं, लेकिन साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास की कीमत हरियाली को चुकाकर न दी जाए.