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ज्यादातर भारतीय गांधी जी को अपना आदर्श मानते हैं। मगर एक ऐसा स्थान है जहां बापू को ईश्वर की तरह पूजा जाता है। बकायदा मंदिर में गांधी जी की मूर्ति स्थापित है। इस गांधी जयंती के मौके पर हम आपको बताते हैं इस अनोखे मंदिर की खूबियां। महात्मा गांधी का यह मंदिर मंगलुरु के श्री ब्रह्म बैदा कला क्षेत्र के गौड़ कोठी में बना हुआ है।

महात्मा गांधी के समर्थक इस मंदिर में तीन बार सुबह 06:00 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम के साढ़े 07:00 बजे उनकी पूजा करते हैं। इसके साथ ही गांधी जी की प्रतिमा के पास रोजाना एक दिया जलाया जाता है। सन् 1948 में यहां गांधी जी की एक मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद साल 2006 में संगमरमर की प्रतिमा लगाई गई।

बापू के समर्थक इस मंदिर में आते हैं और उनकी ओर से बताए रास्ते सत्य और अहिंसा पर चलने का प्रण लेते हैं। गांधी जयंती के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें बापू को फल, मिठाई के अलावा ब्लैक कॉफी अर्पित की जाती है। बाद में इसे लोगों में बांट दिया जाता है। मान्यता है कि गांधी जी जब वर्धा में रहने लगे तब जापानी बौद्ध साधु प्रार्थना के पहले अपने कुछ मंत्र बोलते थे। बापू ने उनकी स्मृति में बौद्ध मंत्र अपनी प्रार्थना में शामिल किए थे, जिसका जाप वो प्रतिदिन करते थे। 
 

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