img

Up Kiran, Digital Desk: सावन का पावन महीना चल रहा है, जो सिर्फ शिव भक्ति का नहीं, बल्कि खुद को बुराइयों से मुक्त करने का भी एक सुनहरा अवसर है। अगर आप या आपके कोई अपने नशे की गिरफ्त में हैं और इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सावन का यह महीना आपके लिए बेहद खास हो सकता है। धार्मिक मान्यताओं और आत्मिक शक्ति का मेल आपको इस मुश्किल चुनौती से लड़ने में मदद कर सकता है।

क्यों महादेव हैं नशे से मुक्ति के सूत्रधार?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए हलाहल विष का पान किया था और उसे अपने कंठ में धारण कर लिया, इसलिए वे 'नीलकंठ' कहलाए। यह घटना हमें सिखाती है कि महादेव विष को भी अपने भीतर समाहित कर उसे अमृत में बदल सकते हैं। इसी तरह, अगर हम सच्चे मन से उनकी शरण में जाएं, तो वे हमें भी नशे रूपी विष से मुक्ति दिलाने की शक्ति प्रदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं सावन में कौन से आध्यात्मिक उपाय नशे की लत से बाहर निकलने में सहायक हो सकते हैं:

दृढ़ संकल्प और प्रतिज्ञा:नशे की लत से बाहर निकलने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है – एक दृढ़ संकल्प लेना। सावन के पवित्र दिनों में भगवान शिव के समक्ष सच्चे मन से यह प्रतिज्ञा करें कि आप इस बुरी आदत को छोड़ देंगे। यह संकल्प आपकी आंतरिक शक्ति को बढ़ाएगा और आपको अपने लक्ष्य पर टिके रहने में मदद करेगा।

 शिव की पूजा और जलाभिषेक: प्रतिदिन या कम से कम सावन के हर सोमवार को शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। जलाभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का पूरी श्रद्धा से जाप करें। यह क्रिया आपके मन को शांत करेगी, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करेगी और आपको आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करेगी। नियमित पूजा से मन में सकारात्मकता आती है और बुरी आदतों से दूरी बनाने में मदद मिलती है।

सावन सोमवार का व्रत: यदि संभव हो, तो सावन के सोमवार या अन्य शिवरात्रि का व्रत रखें। व्रत न केवल शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि मन को भी नियंत्रित करने की शक्ति देता है। यह आत्म-अनुशासन को बढ़ावा देगा, जो नशे की लत से लड़ने के लिए बेहद जरूरी है। व्रत के दौरान मन को ईश्वर की भक्ति में लगाएं।

 शिव महिमा और ध्यान: नशे की लत से जूझते समय अक्सर मन अशांत और विचलित रहता है। ऐसे में कुछ देर शांति से बैठकर भगवान शिव के विराट स्वरूप और उनकी महिमा का ध्यान करें। नीलकंठ की कथा का स्मरण करें, जिन्होंने विष को भी कंठ में धारण कर लिया था। यह आपको अपनी समस्या को एक बड़ी आध्यात्मिक चुनौती के रूप में देखने और उससे लड़ने की प्रेरणा देगा। शिव चालीसा या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी मन को शांति और शक्ति देता है।

 सत्संग और सकारात्मक माहौल: सावन में धार्मिक आयोजनों में भाग लें, सत्संग सुनें और ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो सकारात्मक विचारों वाले हों। यह आपको नशे के वातावरण से दूर रखने में मदद करेगा और एक नई, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

याद रखें, नशे से मुक्ति एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा हो सकती है, लेकिन भगवान शिव की कृपा और आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति इसमें सहायक हो सकती है। सावन का यह पावन अवसर खुद को बदलने और एक नया, स्वस्थ जीवन शुरू करने का एक बेहतरीन मौका है। आध्यात्मिक उपायों के साथ-साथ यदि आवश्यकता हो, तो पेशेवर सहायता लेने में भी संकोच न करें। भोलेनाथ सबका कल्याण करें!

--Advertisement--