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India China Relations: रक्षा अफसरों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख जिले में भारत और चीन के बीच दो प्रमुख विवादित क्षेत्रों- डेमचोक और देपसांग मैदानों में सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। भारतीय सैनिकों ने दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के मुताबिक अपने उपकरण वापस लेने शुरू कर दिए हैं। आज सुबह तक पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों की निकासी की लगभग 40 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

चीनी सैनिक और भारतीय सेना के विंग अस्थायी इमारतों से बाहर निकल गए हैं और ठिकानों को हटा दिया गया है।

दोनों पक्षों से डेमचोक और देपसांग में निषिद्ध क्षेत्रों का भौतिक सर्वे और हवाई दस्तावेजीकरण करने की अपेक्षा की जाती है, जो युद्धविराम समझौते की शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक बायोमेट्रिक प्रक्रिया है।

वापसी की प्रक्रिया पर नज़र रखने के लिए चीनी पीएलए और भारतीय सेना के अफसरों के बीच टेलीफ़ोन पर चर्चा हुई है। इस बातचीत के बाद डेमचोक और देपसांग की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिससे शांति और स्थिरता सुनिश्चित होगी और क्षेत्र में स्थिति को स्थिर करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

गश्त और जमीनी स्थिति बहाल करने पर सहमति

21 अक्टूबर को भारत ने घोषणा की कि वो चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की निगरानी करने के लिए सहमत हो गया है, जिससे चार साल से ज्यादा वक्त से चल रहा सैन्य संघर्ष प्रभावी रूप से खत्म हो गया। 24 अक्टूबर को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पारंपरिक गश्त और चरागाह क्षेत्रों को फिर से शुरू करने सहित समान सुरक्षा के सिद्धांत के आधार पर “ज़मीनी स्थिति” को बहाल करने के महत्व पर जोर दिया।

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