Up Kiran, Digital Desk: ऑस्ट्रेलिया में बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर गूगल (Google) ने कड़ा रुख अपनाया है। गूगल ने चेतावनी दी है कि अगर उसकी वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) को इस प्रतिबंध में शामिल किया गया, तो वह कानूनी कार्रवाई करेगा। यह मामला बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की स्वतंत्रता के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है।
ऑस्ट्रेलिया की योजना क्या है? ऑस्ट्रेलिया की सरकार बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए एक नया कानून बनाने की तैयारी में है। इस प्रस्तावित कानून के तहत 16 या 18 साल से कम उम्र के बच्चों को कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करने से रोका जा सकता है। यह कदम बाल यौन शोषण (Child Sexual Exploitation) और अन्य ऑनलाइन खतरों से निपटने के लिए उठाया जा रहा है।
गूगल का तर्क: "YouTube सिर्फ सोशल मीडिया नहीं है!"
लेकिन गूगल इस बात से सहमत नहीं है कि यूट्यूब को केवल 'सोशल मीडिया' प्लेटफॉर्म माना जाए और उस पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया जाए। गूगल के मुताबिक:
वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म: यूट्यूब मुख्य रूप से एक वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म है जो मनोरंजन, शिक्षा और सूचना का एक बड़ा स्रोत है। इसे केवल फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे पारंपरिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तरह नहीं देखा जा सकता।
आयु सीमा और नियंत्रण: यूट्यूब की अपनी आयु सीमा है (आमतौर पर 13 साल से ऊपर), और इसमें माता-पिता के नियंत्रण (Parental Controls) जैसे मजबूत फीचर भी मौजूद हैं, जो अभिभावकों को बच्चों की सामग्री को मैनेज करने में मदद करते हैं।
अनुचित प्रतिबंध: कंपनी का तर्क है कि इसे केवल एक 'सोशल मीडिया' प्लेटफॉर्म मानकर प्रतिबंधित करना अनुचित और असंगत होगा, क्योंकि यह बच्चों को शैक्षिक और सूचनात्मक सामग्री से भी वंचित कर सकता है।
कानूनी कार्रवाई की धमकी गूगल ने साफ चेतावनी दी है कि अगर इस कानून में यूट्यूब को भी शामिल किया जाता है, तो कंपनी ऑस्ट्रेलिया में कानूनी चुनौती देने से पीछे नहीं हटेगी। उनका मानना है कि ऐसा प्रतिबंध न सिर्फ व्यापारिक दृष्टिकोण से गलत होगा, बल्कि यह प्लेटफॉर्म के प्रकृति और उपयोग के खिलाफ भी होगा।
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