ग्योंगजू (दक्षिण कोरिया): दक्षिण कोरिया इस वक्त एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन, APEC (एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग) की मेजबानी के लिए कमर कस रहा है। यह प्रतिष्ठित आयोजन अगले महीने दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक और खूबसूरत शहर ग्योंगजू में होने वाला है, और इसके लिए अंतिम चरण की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
क्यों खास है यह समिट: APEC समिट में 21 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शीर्ष नेता एक साथ जुटते हैं, जिसमें अमेरिका, चीन, रूस और जापान जैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश भी शामिल हैं। यह सम्मेलन सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं है, बल्कि यह इस क्षेत्र में व्यापार, निवेश और आर्थिक भविष्य की दिशा तय करने वाला एक बहुत बड़ा मंच है। इस साल की बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि दुनिया इस वक्त कई आर्थिक और भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रही है।
ग्योंगजू ही क्यों चुना गया: ग्योंगजू, जिसे "बिना दीवारों वाला संग्रहालय" (Museum without walls) भी कहा जाता है, दक्षिण कोरिया की प्राचीन राजधानी रह चुका है और यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर को मेजबान के रूप में चुनकर दक्षिण कोरिया दुनिया को अपनी आर्थिक शक्ति के साथ-साथ अपनी नरम शक्ति (soft power) और सांस्कृतिक गहराई भी दिखाना चाहता है।
शहर में इस वक्त सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जा रहे हैं और सम्मेलन में आने वाले हजारों प्रतिनिधियों, राजनयिकों और पत्रकारों के स्वागत के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। यह समिट न केवल ग्योंगजू को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देगा, बल्कि इससे दक्षिण कोरिया की अंतरराष्ट्रीय साख भी और मजबूत होगी।
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