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Up Kiran, Digital Desk: पूर्वोत्तर भारत में इस बार मॉनसून ने दस्तक देने से पहले ही कहर बरपा दिया है। आसमान से बरसती मूसलाधार बारिश ने मिजोरम और असम की हरी-भरी वादियों को संकट में डाल दिया है। दक्षिण मिजोरम के लॉन्गतलाई शहर की गलियाँ जो कभी धुंध में लिपटी शांत दोपहरों और बाजारों की चहल-पहल के लिए जानी जाती थीं अब मलबे और तबाही के दृश्य में बदल चुकी हैं।

शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे जब ज़्यादातर घरों में लोग नींद की तैयारी कर रहे थे बाजार वेंग और चांदमारी के सीमावर्ती इलाके में भूस्खलन ने अचानक हमला कर दिया। ज़मीन फटी पहाड़ी चट्टानें भरभरा कर गिरीं और पाँच घर और एक होटल पलक झपकते ही मिट्टी में समा गए। उस होटल में म्यांमार से आए मेहमानों के फंसे होने की आशंका है जो शायद अनजान थे कि उनके सपनों की नींद एक भीगी हुई रात में टूट जाएगी। कईयों की मौत भी हो चुकी है पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

घटना के बाद यंग लाई एसोसिएशन (वाईएलए) के स्वयंसेवक राज्य आपदा मोचन बल और भारतीय रिजर्व बटालियन के जवान अंधेरे और कीचड़ से जूझते हुए राहत कार्य में जुटे हैं। हर पल किसी धड़कती साँस को मलबे से निकालने की जद्दोजहद जारी है।

इधर असम में बारिश ने ज़िंदगी की रफ्तार थाम दी है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। पश्चिमी जिलों में बारिश की तीव्रता इतनी अधिक रही कि धरती मानो पानी में घुलने लगी हो। बंगाल की खाड़ी में उठे गहरे दबाव ने उत्तर-पूर्व की साँसें मुश्किल कर दी हैं जहाँ पानी अब जीवन नहीं विनाश का संदेश लाया है।

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